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लॉकडाउन के बीच मारुती सुजुकी को मानेसर प्लांट में काम शुरू 

लॉकडाउन के बीच मारुती सुजुकी को मानेसर प्लांट में काम शुरू 

नई दिल्ली । कोरोना लॉकडाउन में मामूली ढील के बीच उद्योग जगत के लिए थोड़ी राहत की खबर है। ऑटो मोबाइल क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मारुति सुजुकी को मानेसर प्लांट शुरू करने की अनुमति मिल गई है। मारुति के इस मानेसर प्लांट में करीब 4696 कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन गुरुग्राम जिला प्रशासन की ओर से अभी सिर्फ 600 लोगों को ही काम करने की मंजूरी प्रदान की गई है। इस दौरान कंपनी को कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने का भी ध्यान रखना होगा। गुरुग्राम के जिला मजिस्ट्रेट अमित खत्री का कहना है कि मारुति सुजुकी का मानेसर प्लांट केवल रखरखाव और बुनियादी काम के लिए खोला गया है, हालांकि, अभी यहां कारों का उत्पादन शुरू नहीं होगा। कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण और मजदूरों को काम पर लौटाना गुरुग्राम जिला प्रशासन की पहली दो प्राथमिकताएं हैं। हालांकि, इसमें कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। सरल हरियाणा पर उद्योगों, इकाइयों और प्रतिष्ठानों से मिलने वाले आवेदनों को देखने और उनके अध्ययन के बाद ही उन्हें खोलने की अनुमति दी जाएगी। 
           कोरोना संक्रमण के लिए गुरुग्राम के नोडल अधिकारी और हरियाणा सरकार में अतरिक्त मुख्य सचिव वी.एस. कुंडू ने कहा था कि फैक्ट्रियों और कंपनियों को शुरू करने में गुरुग्राम जिले के भीतर लंबी दूरी के बीच कर्मचारियों और श्रमिकों के आवागमन को अनुमति नहीं होगी। उन्होंने साफ किया है कि फिलहाल दो जिलों के बीच और दो राज्यों के बीच कर्मचारियों और श्रमिकों की आवाजाही को स्वीकृति नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरल हरियाणा पोर्टल पर 100 कंपनियों ने काम शुरू करने के लिए आवेदन किए हैं। हमने इन आवेदन पर गौर करना शुरू कर दिया है। गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस का पालन करने वाली कंपनियों को ही स्वीकृति प्रदान की जाएगी। हमारी कोशिश है कि पहले उन कंपनियों को शुरू किया जाए जो श्रमिक तबके से जुड़ी हैं। वी.एस. कुंडू ने कहा कि कोविड-19 पर नियंत्रण के साथ सरकार की बड़ी चिंता मजदूर वर्ग के लिए है। हम ऐसी कंपनियों को स्वीकृति देंगे, जिन्हें ज्यादा स्टाफ और उस स्टाफ को बहुत दूर से लाने की जरूरत नहीं है। इस सब के साथ हम यह भी देखेंगे कि वह अपने परिसर में कैसे सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करेंगी। 
           गुरुग्राम से जिस प्रोफाइल का शहर है, उसके हिसाब से अभी तक की स्थिति ठीक है। ऐसे में सरकार की प्राथमिकता है कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखते हुए श्रमिकों से जुड़े उद्योगों को गाइडलाइंस के हिसाब से मंजूरी दी जाए, ताकि एक महीने से अपनी कमाई पर खर्च चला रहे इस वर्ग को आसानी हो। ऐसी इंडस्ट्री और एसईजेड जो बंद रह सकते हैं उनको शुरू करना दूसरी प्राथमिकता में शामिल हैं। उन्हें हम तभी अनुमति देंगे। जब हमें लगेगा कि कोविड-19 को काबू में किया गया और अब अधिक रिस्क नहीं है। जिन उद्योगों, इकाइयों और कंपनियों को काम करने की अनुमति दी जाएगी। उनके परिसर से सीसीटीवी फुटेज ली जाएगी, एक कंट्रोल रूम बनेगा। वहां से यह देखा जाएगा कि नियमों का पालन हो रहा है या फिर नहीं। इसके लिए उद्योग, एचआईडीसी और जिला प्रशासन के साथ-साथ हम वॉलंटियर की मदद भी लेंगे। कुंडू ने कहा कि यह भी सुझाव आया है कि आने वाले दिनों में ऐसी कंपनियां जो सक्षम हैं वे अपने कर्मचारियों को तभी बुलाएं जब वे कोविड-19 की जांच करा लें। उन्होंने कहा कि मारुति-होंडा समेत तमाम बहुराष्ट्रीय कंपनियां ऐसा करने में सक्षम हैं। इस सुझाव पर स्वास्थ्य विभाग विचार कर रहा है। विभाग के सहमत होने पर एक प्रोटोकॉल बनाया जाएगा। इससे बड़ी कंपनियों में काम पर लौटने वाले स्टाफ और उनके सहकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
 

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