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कोरोना का असर: नोएडा में ढाई लाख खरीदारों को तय समय में नहीं मिलेगा घर

कोरोना का असर: नोएडा में ढाई लाख खरीदारों को तय समय में नहीं मिलेगा घर

नई दिल्ली । कोरोना वायरस ने फ्लैट मिलने की वर्षों से उम्मीद लगाए बैठे लोगों को झटका दे दिया है। इससे एक बार फिर अब करीब ढाई लाख खरीदारों को फ्लैट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। जीरो पीरियड नीति के तहत जून 2021 तक काफी खरीदारों को फ्लैट मिलने थे, लेकिन अब एक साल में फ्लैट मिलने संभव नहीं हैं। जिले में ढाई लाख खरीदार 10 साल से फ्लैट पाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा में अधूरी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए शासन ने कुछ शर्तों के साथ 5 दिसंबर 2019 में जीरो पीरियड नीति लागू की थी। इसके अंतर्गत जो बिल्डर अधूरी परियोजनाओं को जून 2021 तक पूरा करेंगे उनको बकाये में राहत दी जाएगी। इससे उन पर आर्थिक रूप से कम भार पड़ेगा और वो परियोजना जल्दी पूरी कर सकेंगे। बीते सालों में कोर्ट के आदेश समेत कई कारणों से काम बंद रहने के कारण बिल्डर जीरो पीरियड की मांग कर रहे थे। शासन से आदेश आने के बाद दिसंबर में नोएडा विकास प्राधिकरण ने जीरो पीरियड के लिए आवेदन मांगे। जनवरी में अंतिम तारीख तक इसके लिए 32 परियोजनाओं के लिए आवेदन आए। इसके बाद प्राधिकरण ने समिति गठित कर आवेदनों की जांच शुरू कर दी। 
- क्या है मामला 
अधिकारियों ने बताया कि मार्च के तीसरे सप्ताह तक 17 परियोजनाओं से संबंधित आवेदनों का निस्तारण कर दिया था। इनमे से 7 के आवेदन को खारिज करते हुए 10 परियोजनाओं को जीरो पीरियड के लिए मंजूरी दे दी थी। अधिकारियों ने बताया कि इन 10 परियोजनाओं में 9641 फ्लैट है। बाकी आवेदनों की जांच होनी थी लेकिन कोरोना वायरस की वजह से मामला अटक गया। खास बात ये है कि जिनको प्राधिकरण ने मंजूरी दे भी दी वो कोरोना के चलते काम शुरू नही कर पाए हैं जबकि उनके करीब 5 महीने बीत चुके हैं और अब सिर्फ एक साल रह गया है। इसमे भी अभी ठीक ढंग से 2-3 महीने से पहले काम भी शुरू नहीं हो पाएगा। इससे साफ है कि ख़रीदारों को 2021 में भी घर नहीं मिल पाएंगे।
- क्या कहा 
नेफोमा के प्रेजिडेंट अन्नू खान का कहना है कि बिल्डर 10 साल से फ्लैट देने के लिए लोगों को गुमराह करते आ रहे हंै। अब उनको जल्द से जल्द परियोजनाएं पूरी करनी चाहिए। इस बारे में प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण जीरो पीरियड नीति का पूरा सिस्टम गड़बड़ा गया है। ऐसे में अब शासन को परियोजनाएं पूरा कराने के लिए नए सिरे से समय देना होगा। बिल्डरों की संस्था क्रेडाई के प्रेजिडेंट प्रशांत तिवारी का कहना है की कोरोना से पहले एनजीटी की वजह से काम बंद था। अब स्थिति को देखते हुए 6 महीने से पहले काम शुरू होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में जिन परियोजनाओं की डेडलाइन थी उनको एक साल का ओर समय देने की मांग की है। क्रेडाई के वाइस प्रेजिडेंट अमित मोदी ने कहा कि जीरो पीरियड के तहत परियोजना पूरी करने को 2 साल अतिरिक्त चाहिए। बिल्डरों की दूसरी संस्था नेरेडको ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर 30 जून 2023 तक का समय देने की मांग की है।
 

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