नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण से एमसीडी के दो सफाई कर्मियों की मौतों के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी। जिस पर कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए तीनों एमसीडी, एनडीएमसी, केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया गया है। हाल ही में कोरोना से 2 एमसीडी सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई थी, जबकि 8 संक्रमित सफाई कर्मियों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा इनके संपर्क में आए 38 लोगों को क्वारनटीन भी किया है। हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी कि कोरोना का संक्रमण सफाई कर्मचारियों में लगातार बढ़ सकता है, क्योंकि सफाई कर्मचारियों को इस संक्रमण से रोकने के लिए सुरक्षा के तौर पर ग्लबस, मास्क, सैनिटाइजर समेत और बाकी की सुरक्षा कवच नहीं दिए गए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने तीनों एमसीडी, केंद्र और राज्य सरकार को 15 दिन में अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, इस याचिका में सफाई कर्मचारियों की यूनियन की तरफ से यह कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का उल्लंघन किया जा रहा है और सफाई कर्मचारियों की जान को खतरे में डाला जा रहा है। सरकार और एमसीडी की तरफ से कोरोना से बचने के लिए सुरक्षा के लिए उन्हें कुछ भी नहीं दिया गया है। सफाई कर्मचारी सड़कों पर काम कर रहे हैं, ऐसे में उनकी जान को बिना सुरक्षा कवच दिए काम करवाना खतरनाक है।
याचिका में इस बात का भी जिक्र किया है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की तरफ से कोर्ट को बताया था कि सफाई कर्मचारियों को डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के तहत सुरक्षित रखने के लिए सभी चीजें मुहैया कराई गई हैं, जबकि असलियत में डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का उल्लंघन खुद एमसीडी और केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। हाईकोर्ट ने माना कि सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा आवश्यक है। हाल ही में एमसीडी और केंद्र सरकार के ऊपर लॉकडाउन के दौरान काम का काफी दबाव है। लिहाजा इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए सभी पक्षों को 2 हफ्ते का समय दिया गया है। इस याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और सी हरिशंकर ने की हैं।
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कोरोना से सफाई कर्मियों की मौत, हाईकोर्ट ने एमसीडी और सरकार को भेजा नोटिस