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मनी लांड्रिंग केस में वाड्रा को जेल या बेल, कोर्ट आज करेगी फैसला

मनी लांड्रिंग केस में वाड्रा को जेल या बेल, कोर्ट आज करेगी फैसला

 दिल्ली की पटियाला हाउसकोर्ट सोमवार को इस बात का फैसला करेगी कि प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और उद्योगपति रॉबर्ट वाड्रा और उनके करीबी मनोज अरोड़ा को अग्रिम जमानत मिलेगी या नहीं। इस बात का फैसला शाम को ४.०० बजे होगा। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) वाड्रा की कस्टडी रिमांड चाहता है और इसी वजह से जमानत का विरोध किया है। अदालत में ईडी के वकील का कहना था कि वाड्रा के खिलाफ सबूत पर्याप्त हैं और उससे हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए। जांच एजेंसी का दावा है कि उसने पेट्रोलियम और रक्षा सौदों में रिश्वत ली है।
-क्या है मामला
ईडी एक पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स की जांच कर रहा है। इसे ओएनजीसी ने विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने का निणNय लिया था। सैमसंग इंजीनियरिंग को इसका हिस्सा बनाने के लिए ओएनजीसी ने पैसे दिए थे। इसके बाद सैमसंग ने संजय भंडारी की दुबई स्थित कंपनी इंटरनेशनल एफजेडसी को काम दिया। यह अनुबंध सैमसंग को दिसंबर २००८ में मिला था और कंपनी ने इसके बाद सेंटेक को ४९,९०,००० अमेरीकी डॉलर का भुगतान किया था। भंडारी की सेंटेक ने जून २००९ को लंदन के १२ ब्रायनस्टन स्क्वायर में संपत्ति खरीदी थी। यह संपत्ति वर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत थी। सेंटेक ने वर्टेक्स के खाते में १७ करोड़ रु के स्टर्लिंग स्थानांतरित किए। 
वर्टेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने सारे शेयर स्काई लाइट इनवेस्टमेंट एफजेडईऊ दुबई ने खरीद लिया था जिसका पूरा नियंत्रण लंदन में सी थम्पी करते थे। रिपोट्र्स के अनुसार सी थम्पी रॉबर्ट वाड्रा के करीबी माने जाते हैं। संजय भंडारी, सुमित चढ्डा (स्जय का लंदन स्थित रिश्तेदार), मनोज अरोड़ा और रॉबर्ट वाड्रा के बीच ईमेल के जरिए हुई बातचीत से पता चला है कि उन्हें वाड्रा की संपत्ति में गहरी रुची थी और वे इसके नवीकरण को लेकर किए जा रहे कामों को जानना चाहते थे। ईडी का दावा है कि भंडारी ने स्टर्लिंग का ५९ लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन किया। इसके बावजूद मेयफेयर एफजेडई शारजाह दुबई को १७ करोड़ रु स्टर्लिंग के लिए १२ ब्रायनस्टन स्क्वायर की संपत्ति बेच दी गई।

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