नई दिल्ली । रमजान का पाक महीना शनिवार से शुरू हो गया है, लेकिन कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते न बाजारों में रौनक है और न इबादतगाहों में लोग पहुंच रहे हैं। इस पर मुस्लिम उलेमाओं ने लोगों से सब्र और संजीदगी से काम लेने की अपील करते हुए रमजान के दौरान घरों में ही इबादत करने को कहा है। मुस्लिम उलेमाओं का कहना है कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए धार्मिक स्थलों पर भी जमावड़ा रोकने की जरूरी है। दिल्ली की शाही मस्जिद फतेहपुरी में पहली बार इतना सन्नाटा पसरा हुआ है। इस मस्जिद को मुगल बादशाह शाहजहां की बेगम फतेहपुरी ने साल 1650 में बनवाया था। 370 साल के इतिहास में इस मस्जिद में पहले कभी इतना सन्नाटा नहीं रहा, जितना इस बार रमजान में है। इस मस्जिद में हर साल रमजान में हजारों लोग रोजा खोलते थे, लेकिन इस बार यहां वीरानी छाई है। यहां के शाही इमाम पिछले वर्षों को याद करते हुए दुआ कर रहे हैं कि कोरोना वायरस से देश और दुनिया को जल्द निजात मिले और ये मस्जिद फिर से आबाद हों।
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के चीफ इमाम उमेर इल्यासी भी कस्तूरबा गांधी मार्ग पर स्थित मस्जिद में अकेले मुअज्जिन के साथ नमाज अता कर रहे हैं पहले रोजे पर उन्होंने लॉकडाउन के पालन की अपील करते हुए अपने जज्बात जाहिर किए और लोगों से घरों में ही इबादत करने व नमाज पढ़ने की अपील की। दिल्ली के इंद्रलोक इलाके की मक्की मस्जिद भी खाली पड़ी है। यहां के इमाम मुफ्ती का कहना है कि जिसने बीमारी दी है, वो खुदा इसका इलाज भी देगा। पैगम्बर के जमाने का किस्सा दोहराते हुए उन्होंने सन्देश दिया कि जब महामारी (बवा) फैली हो, तो बेहतर है कि हम सोशल डिस्टेंसिंग बना लें। इसी में सबकी भलाई है।
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रमजान पर मस्जिदों से अपील, लॉकडाउन का पालन करते हुए घर पर करें इबादत