रोबो अल्फा, रोबो थीटा से बातें कर रहा था। अल्फा ने कहा यार मजा नही आता, स्मार्ट फोन और कम्प्यूटर्स में वायरस आ जाना आउट आफ डेट नही लगता तुम्हें ? रोबो थीटा ने उबासी लेते हुये जबाब दिया, हां वो तो है पर एंटी वायरस साफ्टवेयर कंपनियों का सारा धंधा ही इन्हीं वायरस की बदौलत चकाचक चल रहा है। तुम्हें तो पता ही हे कि स्वयं ये कंपनियां अपने हैकर्स हायर करती हैं जिनका काम ही यह होता है कि वे तरह तरह के फिशी साफ्टवेयर बनायें जिनके जरिये लोगों के, संस्थाओ के और सरकारो के कम्प्यूटर्स व डाटा बेस से जानकारियां उड़ाई जा सकें। तभी धीर गंभीर मुद्रा में रोबो नियो वहां आ गईं। उन्होने अपनी स्कर्ट संभालते हुये बातचीत में भागीदारी की, अरे मिस्टर अल्फा अब तो बड़े बड़े पत्रकार आफिसो में जाकर फाईलें नही तलाशते, और न ही डिनर पर शराब के नशे में अफसर की बहकी हुई बातों में स्कूप स्टोरी ढ़ूंढ़ते हैं। अब तो अफसर के फोन में वायरस डाल कर, अपने टच स्क्रीन पर ही उसकी सारी हरकतें रिकार्ड करने का समय है। हर हाथ में मोबाईल का धीरू भाई का क्रांतिकारी नारा फलीभूत हो रहा है। रोबो थीटा ने सहमति जताई हां हां, अब तो इसीलिये विधायको के रिसार्ट पर्यटन से पहले उनके मोबाईल अलग धरा लिये जाते हैं, और बड़े अधिकारियों, मंत्रियों के आफिसों में घुसने से पहले मोबाईल बाहर रखने पड़ते हैं। नियो ने अपनी स्क्रीन पर देखा वेब कैमरा बता रहा था कि गेट पर कुछ हलचल है, अंगड़ाई लेते हुये नियो गेट की अपनी ड्यूटी पर बढ़ गई। रोबो थीटा बोला अल्फा भाई गुप्तचर संस्थायें तक अब अपने तौर तरीके पूरी तरह बदल चुकी हैं। हर देश की गुप्तचर संस्था ने एक सायबर सैल बना ली है। हेकिंग के जरिये लोगों के मोबाईल से और कम्प्यूटर से बिना उनकी जानकारी के उनके व्यक्तिगत डाटा, आंख से काजल की तरह चुराये जा रहे हैं। ज्ञान बघारते हुये अल्फा ने कहा बड़े बडे नामी सर्च एंजिन लोगों के सर्च डाटा का व्यापार कर रहे हैं। दुनियां का मल्टी नेशनल व्यापार ही डाटा बेस्ड बन चुका है। जो एप्स पसंद किये जाते हैं, उनके संग न दिखने वाले फिशिंग साफ्टवेयर लोगों की डिवाईस में पहुंचा दिये जाते हैं और फिर उनकी हर गतिविधी कहीं दूर बैठे हैकर के पास पहुंचती रहती है।
रोबो रेम ने टेली वाईस पर इंटरेप्ट करते हुये रोचक वार्ता में अपनी भागीदारी की, वह बोला पर अधिकतर एप्पस तो पूरी ईमानदारी से परमिसन मांगते हैं, डिवाईस के फोटो, फाइलें और डाटा एसेस करने का। हंसते हुये अल्फा बोला और लोग मजे में बिना पढ़े ही हड़बडी से एग्री पर क्लिक भी तो करते हैं। ये वे ही लोग हैं जो अपनी कथित निजता की लड़ाई लड़ने के लिये सड़कें बंद करके लंबे लंबे आंदोलन करते दिखते हैं, किंतु एक टाईम पास गेम खेलने के लिये अपनी सारी निजता हमें सौंप देते हैं। थीटा बोला मैं तो उनके एस एम एस तक पढ़ सकता हूं, और जब जब पढ़ता हूं लोगों के टुच्चेपन पर हंसता रह जाता हूं। इन मूर्खो से अपन रोबोट ही भले। अल्फा अपनी ड्युटी पर निकल लिया। थीटा अकेला बोर होने लगा, तो उसने सामने रखा टैब आन कर लिया। मूड था कि कोई वेब सिरीज देखी जावे, पर सर्च करते हुये वुहान बैट मार्केट का वेब केम कनेक्ट हो गया। अजीबो गरीब आवाजें और जीव जंतु देखकर वह वहीं सर्फ करने लगा। अरे यह क्या, वह चौंका प्रोटीन लेयर में डी एन ए, न सिर न पैर, केवल धड़ ही धड़, पर मानव शरीर का साथ मिलते ही किस तेजी से बढ़ रहा है, ओह, यह तो इंसानी लंग्स में पहुंचकर उसे चोक कर रहा है। थीटा घबराया, उसने तुरंत एलार्म मोड में आकर सिग्नल भेजने शुरू किये,पर २०२० की आमद के जश्न में डूबे दुनियां के लोग जैसे नशे में थे। ग्लोबल विलेज बनाती मल्टी नेशनल कंपनियां इकानामी के ग्राफ को पीक पर ले जाने में मस्त थीं। सरकारो ने या रिसर्च इंस्टीट्यूशन्स ने किसी ने उसके एलार्म पर कोई ध्यान नहीं दिया। लोग मजे में छुट्टियां मनाने पेरिस, इटली, सिंगापुर की यात्राओ पर सपरिवार निकले हुये थे। और उनके साथ बिना वीसा, बिना पासपोर्ट के बिल्कुल फ्री ट्रेवल कर रहा था, वायरस करोना।
अब लोग जागे हैं जब दुनियां का दम घुट रहा है। पर अब भी कभी किसी मदरसे में, किसी मरकज में, किसी लंगर में तो कभी किसी प्रभुत्व वाले नेता जी के यहां शादी के समारोह में इस एलार्म की अनसुनी हो ही रही है ।लगता है वायरस वाला यह पूरा का पूरा 2020 ही फार्मेट करना पड़ेगा।
(लेखक- विवेक रंजन श्रीवास्तव )
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(व्यंग्य) फार्मेट करना पड़ेगा वायरस वाला 2020