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पिछले लोकसभा चुनाव में 44 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस इस बार देगी भाजपा को टक्कर

पिछले लोकसभा चुनाव में 44 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस इस बार देगी भाजपा को टक्कर

लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा। चुनाव आयोग से मिले आंकड़ों की मानें तो पिछले चुनाव में मात्र 44 सीटें जीतने वाली कांग्रेस का बीजेपी से सीधा मुकाबला 210 सीटों में होगा। सीटों का यह आंकड़ा उन राज्यों की सीटों का है जहां कांग्रेस ज्यादातर सीटों पर दूसरे नंबर पर रही है। लेकिन सवाल इस बात का है क्या कांग्रेस के नेता इन सीटों पर जीत दर्ज करा पाने लायक रणनीति बना पाएंगे या नहीं।  बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव 7 चरणों में होगा और नतीजे 23 मई को आएंगे। गुजरात, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, केरल और कर्नाटक सहित 10 राज्यों की 224 सीटों पर कांग्रेस 183 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही है। वहीं केंद्र शासित राज्यों में जहां पर लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं वहां पर कांग्रेस 27 सीटों पर नंबर दो पर रही थी। यानी इन सभी राज्यों को मिला दें तो कुल सीटें 210 हो जाती हैं। वहीं कांग्रेस का केरल और महाराष्ट्र में क्षेत्रीय पार्टियों के साथ गठबंधन भी था। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब 268 सीटें ऐसी थीं कि जहां कांग्रेस ने या तो जीत दर्ज की या फिर दूसरे नंबर आई थी। हालांकि कांग्रेस इन सीटों में 44 ही सीटें जीतने कामयाब हो पाई थी और 224 सीट पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी। आजादी के बाद देश के चुनावी इतिहास में ऐसा पहला मौका था जब कांग्रेस को 50 से भी कम सीटें मिली थीं। 
कांग्रेस को असम, हरियाणा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन करना होगा। इन राज्यों मे पिछली बार बीजेपी को इतनी सीटें मिली थीं कि कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई थी। आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इन राज्यों से 224 सीटें आती हैं जिनमें कांग्रेस को मात्र 29 सीटें ही मिली थीं। इनमें महाराष्ट्र ही सिर्फ ऐसा राज्य था जहां कांग्रेस का गठबंधन था। एनसीपी के साथ गठबंधन कर कांग्रेस को कुल 48 सीटों में मात्र 26 सीटें पर लड़ी थी। हाल ही में कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा सीट जीतकर वहां पर सरकार बनाई है और गुजरात में उसके प्रदर्शन में सुधार हुआ है।इसकारण उम्मीद हैं कि इन राज्यों में कांग्रेस बेहतर कर सकती है। 
केंद्र शासित राज्यों को मिलाकर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और उत्तर पूर्व कुल 28 लोकसभा सीटों में कांग्रेस को सिर्फ 5 लोकसभा सीटें मिली थीं। लेकिन 22 जगहों पर वह दूसरे नंबर पर रही थी। इन राज्यों में भी इस बार कांग्रेस के लिए अच्छी संभावना है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित 9 राज्यों से कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के आगे भी कमजोर है। इन राज्यों से 291 सीटें आती हैं। कांग्रेस के पास यहां पर मात्र 10 सीटें हैं और 48 सीटों पर दूसरे पर नंबर रही है। इन राज्यों में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। 

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