
नई दिल्ली। वैक्सीन के लिए भारतीय वैज्ञानिकों का शोध अब जानवरों के ट्रायल के स्तर पर पहुंच चुका है। एक या दो सप्ताह में यह परीक्षण शुरू होगा। इसमें सफलता के बाद इसका इंसानों पर परीक्षण होगा। देश के सात से आठ वैज्ञानिक समूह वैक्सीन शोध में आगे चल रहे हैं। आधा दर्जन शैक्षणिक संस्थाओं के वैज्ञानिक भी वैक्सीन अध्ययन में जुटे हुए हैं। भारतीय वैज्ञानिकों को पूर्ण सफलता के लिए 12 से 18 माह का वक्त लग सकता है। दुनियाभर में वैज्ञानिकों के 75 दल वैक्सीन में जुटे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वैक्सीन किसी भी देश में बने, इसका उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। जानकारी के अनुसार भारत बायॉटेक, कैडिला, सीरम इंस्टीट्यूट सहित कुछ कंपनियों के वैज्ञानिक जानवरों के ट्रायल तक पहुंच चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर देश में शुरू हुए शोधों की निगरानी जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप कर रही हैं।
वैक्सीन के लिए आईआईटी गुवाहाटी ने किया करार
कोरोना की वैक्सीन के लिए आईआईटी गुवाहाटी ने अहमदाबाद की बायोसाइंसेज कंपनी हेस्टर के साथ करार किया है। साल के अंत तक जानवरों पर इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। वैक्सीन के लिए रीकॉम्बिनेंट एवियन पैरामाइक्सोवायरस-1 पर काम होगी जिसमें सार्स-कोविड-2 का प्रोटीन होगा। बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर सचिन कुमार ने कहा कि अभी इस वैक्सीन पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जानवरों पर इसके परीक्षण का परिणाम सामने आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।