मुंबई । उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम हैं। हालांकि, वह विधानमंडल के सदस्य नहीं हैं। उद्धव ठाकरे का विधानमंडल का सदस्य ना होना ही उनकी सरकार के खतरा बन गया है। 28 मई तक अगर उद्धव ठाकरे विधानमंडल के सदस्य नहीं बनते हैं तो उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के लिए राज्य की कैबिनेट ने राज्यपाल से अपील की। अब सब कुछ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के हाथ में है। यहां भगत सिंह कोश्यारी पॉकेट वीटो (जेबी वीटो) का इस्तेमाल करते दिख रहे हैं। इस वीटो के तहत गवर्नर प्रस्ताव को अपने पास लंबित रखते हैं और उस पर कोई जवाब नहीं देते हैं। उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की है। उद्धव ने पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करके इसे जल्द से जल्द हल कराने का प्रयास करें। महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार का तर्क है कोरोना के इस संकट के समय उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य सरकार पर कोई संकट ना आए।
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खतरे में उद्धव ठाकरे की कुर्सी