नई दिल्ली । वैश्विक संकट बन गए कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन को अक माह से अधिक होने गया हैं। शुरु में घर से काम करने में लोगों को जो मजा आ रहा था अब वह सजा बनता जा रहा है। घर से काम कर रहे लोगों में तनाव, अनिद्रा, बेचैनी, कमर दर्द जैसी परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। देश में 25 मार्च से लागू हुए लॉकडाउन के बाद कंपनियों ने अपने कार्यालय बंद कर दिए थे और तभी से अधिकतर कर्मचारी अपने घर से ही काम कर रहे हैं। दिल्ली के एक तकनीकी विशेषज्ञ सुरेश शर्मा ने बताया कि वह अपना अधिकतर समय लैपटॉप स्क्रीन या मोबाइल फोन पर बिता रहे हैं, कई बार कई घंटों तक लगातार वह इनमें व्यस्त रहते हैं। उन्होंने कहा, "मुझे शुरुआत में घर से काम करने में मजा आ रहा था। हालांकि समय के साथ मुझे अहसास हुआ कि इसका मेरे स्वास्थ्य पर खराब असर हो रहा है।'
कई आईटी कंपनियों के करीब 90 से 95 प्रतिशत कर्मी घर से ही काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ऐसे में सभी पेशवरों को अपना मन और शरीर दोनों स्वस्थ रखने के लिए ध्यान लगाने और कुछ शारीरिक व्यायाम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस मौके का फायदा उठाकर तनाव कम करने के लिए अपने पसंदीदा काम करना चाहिए। गुड़गांव के पारस अस्पताल में नैदानिक मनोवैज्ञानिक, प्रीति सिंह ने कहा कि लोगों को ये तमाम परेशानियां हो रही होंगी क्योंकि उनके पास करने को अधिक शारीरिक गतिविधियां नहीं है। ऐसा प्रेरणा की कमी या तनाव के कारण भी होता है। सिंह ने कहा, 'घर पर काम के बोझ के साथ-साथ जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है और इस कारण लोग अधिक थक जाते हैं।
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लॉकडाउन में वर्क फ्राम होम अब लगने लगा सजा, बढ़ी तनाव, अनिद्रा और बेचैनी की शिकायतें