तेज गर्मी की वजह से ए.सी और कूलर के उपयोग का दौर शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी ओर एक अध्ययन में यह चौंकाने वाली जानकारी आयी है जिसके मुताबिक, सेंट्रल एसी जो किसी बड़ी जगह जैसे मॉल, हॉस्पिटल या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लगे होते हैं उनसे कोरोना वायरस फैल सकता है। ऐसा ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन के जरिए हो सकता है। अध्ययन में घर के एसी को सेंट्रल एसी की तुलना में सुरक्षित माना गया है। एक दूसरे अध्ययन में कहा गया है कि घर पर रहकर भी कोरोना के शिकार हो सकते हैं। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के प्रोफेसर डॉक्टर लोकेंद्र दवे ने ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन से कोरोना होने की बात एक इंटरनैशनल स्टडी का हवाला देकर कही है। इस स्टडी में पाया गया था कि 10 कोरोना के मरीजों ने एक ही रेस्तरां में खाना खाया था। माना गया कि सेंट्रल एसी होने की वजह से वहां ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन हुआ होगा। स्टडी के मुताबिक, ऐसे बड़े एसी का एयरफ्लो कोरोना को फैलने में मदद कर सकता है। डॉक्टर दवे मानते हैं कि ऐसा ही भोपाल में भी हुआ हो सकता है। यहां हेल्थ डिपार्टमेंट के 40 से ज्यादा लोग कोरोना पॉजेटिव पाए गए हैं।सेंटर फॉर साइंस ऐंड इनवायरमेंट की मानें तो गलत डिजाइन वाले एयर कंडिशन सिस्टम, घर में वेंटिलेशन ठीक न होना कोरोना को फलने-फूलने में मदद कर सकता है। इसके लिए घरों की गलत बनावट को भी जिम्मेदार ठहराया गया है, जहां ठीक से सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं हो सकती है। इस स्टडी के मुताबिक, बाहर का गर्म तापमान अगर कोरोना को कमजोर करेगा तो घर पर एसी की मदद से ठंडा किया गया तापमान खासकर सेंट्रल एसी इस वायरस को फलने-फूलने में मदद करेगा। दवे मानते हैं कि सेंट्रल एसी की तुलना में घर के एसी सेफ हैं। इससे ऐसा खतरा कम है।
(लेखक-अजीत वर्मा)
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एसी से भी हो सकता है कोरोना वायरस