न्यूयॉर्क । कोरोना के प्रकोप से विश्व में अबतक 2 लाख 17 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हैरानी की बात यह है कि कोरोना मृतकों में सबसे ज्यादा संख्या पुरुषों की है। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के लिए अभी तक यह पहेली बना हुआ था कि महिलाएं कैसे कोरोना के कहर से बच रही हैं।लेकिन इस पहेली इसका खुलासा हो गया है। अमेरिकी डॉक्टरों का कहना है कि यह महिलाओं का सेक्स हार्मोन्स है जो उनकी जान बचाए हुए है। अमेरिकी डॉक्टरों ने कहा कि कोरोना से संक्रमित करीब 75 प्रतिशत पुरुषों को आईसीयू या वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना से बेहद ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में महिलाओं की तुलना में संक्रमित पुरुषों के मरने की तादाद लगभग दोगुना है। शोधकर्ताओं ने बताया कि एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन इंसान की बच्चों को पैदा करने की क्षमता के लिए बहुत अहम हैं, लेकिन हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि ये दोनों हार्मोन महिलाओं में ज्यादा तादाद में पाए जाते हैं। ये दोनों हार्मोन इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता और खराब हुए टिश्यूज को ठीक करने के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।इसकारण महिलाएं जैविक रूप से पुरुषों की तुलना में कोरोना वायरस से ज्यादा अच्छे से सामना कर पा रही हैं।
डॉक्टर ने कहा, कोरोना के संबंध में हम संभवत: यह नहीं जान सकते हैं कि कैसे एस्ट्रोजेन काम करता है लेकिन हम यह देख सकते हैं कि कैसे मरीज करते हैं। अब इन हार्मोन्स को लेकर परीक्षण शुरू होने जा रहा है। इसमें 18 साल से ऊपर के पुरुषों और 55 साल के ऊपर की महिलाओं को शामिल किया जाएगा। 55 के ऊपर की महिलाओं का मेनोपॉज़ की वजह से हार्मोन लेवल बहुत कम हो जाता है। इस बीच आलोचकों ने चेतावनी दी कि इस इलाज से ज्यादा उम्मीद न लगाएं क्योंकि एक तथ्य यह भी है कि बुजुर्ग पुरुष उम्रदराज महिलाओं की तुलना में कोरोना वायरस से ज्यादा मर रहे हैं। पुरुषों पर कोरोना के संक्रमण का अध्ययन करने वाली डॉक्टर ने कहा कि महिलाओं के कोरोना से लड़ने में सिर्फ हार्मोन्स ही कारण नहीं हैं। इसके अलावा कुछ जेनेटिक या कुछ और है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुरुषों में महिलाओं के सेक्स हार्मोस को डाला जाता है,तब इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।
आरोग्य
महिलाओं का सेक्स हार्मोन्स उन्हें बचा रहा जानलेवा कोरोना वायरस से दुनिया भर में मरने वालों में पुरुषों की संख्या ज्यादा