मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने पर फैसला टालते हुए गेंद अब चुनाव आयोग के पाले में डाल दी है। राज्यपाल कोश्यारी ने चुनाव आयोग को पत्र भेजा है। उन्होंने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि वह जल्द से जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद की 9 खाली सीटों पर चुनाव घोषित करें। अब अगर चुनाव आयोग राज्यपाल के अनुरोध को स्वीकार कर लेता है तो 28 मई से पहले चुनाव हो सकते हैं। पत्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से कहा है कि केंद्र सरकार ने देश में लॉकडाउन के दौरान कई छूट और उपायों की घोषणा की है। ऐसे में महाराष्ट्र विधान परिषद की रिक्त सीटों के लिए भी चुनाव कराने संबंधी कुछ दिशा-निर्देश जारी हो सकते हैं। उन्होंने कहा है कि चूंकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे राज्य विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं और उन्हें 27 मई 2020 से पहले परिषद में चुने जाने की आवश्यकता है। ऐसे में चुनाव आयोग अपनी ओर से जल्द से जल्द इस पर फैसला करे।
28 नवंबर 2019 को सीएम बने थे उद्धव
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के मुताबिक, किसी भी मंत्री को (मुख्यमंत्री भी) पद की शपथ लेने के छह महीने के अंदर किसी विधानसभा या विधानसपरिषद का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है। उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े ही सीधे सीएम बने हैं, ऐसे में उन पर यह नियम लागू होता है। जनवरी 2020 में विधान परिषद की दो सीटों के लिए चुनाव भी हुए लेकिन उद्धव ठाकरे ने चुनाव नहीं लड़ा। 24 मार्च को विधान परिषद की धुले नांदुरबार सीट पर उपचुनाव होना था। 24 अप्रैल को विधान परिषद की 9 और सीटें खाली हो गईं। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने उम्मीद लगाई थी कि वह इनमें से किसी एक सीट से चुनाव जीत जाएंगे और मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इसी बीच कोरोना वायरस ने सारी गणित बिगाड़ दी है और चुनाव टाल दिए गए।
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सीएम उद्धव की कुर्सी पर बढ़ा सस्पेंस