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एपल ने आईफोन 7 की कॉस्ट कम करने भारत में शुरू की मैन्युफैक्चरिंग

 एपल ने आईफोन 7 की कॉस्ट कम करने भारत में शुरू की मैन्युफैक्चरिंग

 एपल  के ‎लिए साल 2018 ‎‎बिक्री के ‎हिसाब से कुछ ज्यादा खास नहीं रहा। वही इस साल कंपनी ने आईफोन की कॉस्ट कम करने के ‎लिए अब भारत में आईफोन 7 मॉडल की मैन्युफैक्चरिंग करना शुरु कर ‎दिया है। ता‎कि इसकी मैन्युफै‎क्च‎‎रिंग से होने वाले फायदे का उपयोग कंपनी की सेल्स और मार्के‎‎टिंग के ‎लिए ‎किया जा सके। बता दें ‎कि इससे पहले कंपनी देश में आईफोन एसई और आईफोन 6एस  बना रही है। एपल ने अपने 'मेड इन इंडिया' पोर्टफोलियो को बढ़ाने के साथ ही देश को एक मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर रखने के संकेत दिया है। एपल ने बताया ‎कि, हमें अपने लोकल कस्टमर्स के लिए आईफोन 7 का प्रॉडक्शन करने पर गर्व है। हम भारत में लंबे समय के लिए रहने के अपने वादे पर बरकरार हैं। ताइवान की कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर विस्ट्रॉन बेंगलुरु के बाहरी इलाके में ‎स्थित अपने प्लांट में आईफोन एसई और आईफोन 6एस  बनाती है। यह मार्च की शुरुआत से आईफोन 7 भी बना रही है। सूत्रों के अनुसार आईफोन 7 के प्राइस में कमी होने की संभावना नहीं है। उनका कहना था कि कंपनी इन डिवाइसेज की मैन्युफैक्चरिंग से मिलने वाले मार्जिन का उपयोग सेल्स और मार्केटिंग पर करेगी। हैंडसेट मेकर्स को लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर मिलने वाली ड्यूटी में छूट के कारण भारत में आईफोन 7 बनाने की कॉस्ट कम है। सरकार ने ड्यूटी में छूट मेक इन इंडिया योजना के तहत दी थी।
विस्ट्रॉन को हाल ही में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट प्रपोजल पर सरकार से अप्रूवल मिला था। विस्ट्रॉन भारत में एपल के हाई-एंड डिवाइसेज बनाने में यह निवेश करना चाहती है। आईडीसी इंडिया के रिसर्च डायरेक्टर नवकेंदर सिंह ने बताया, एपल के लिए आईफोन 7 भारत में मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक कम रिस्क वाला प्रॉडक्ट है। उन्होंने कहा कि एपल समान प्राइस पर अधिक मार्जिन हासिल करेगी क्योंकि उसकी कॉस्ट कम हो जाएगी। एपल के लिए 2018 सेल्स के लिहाज से ज्यादा अच्छा नहीं रहा। कंपनी ने अपनी मैनेजमेंट टीम और सेल्स स्ट्रैटेजी में बदलाव किया है। एनालिस्ट्स का कहना है कि यह स्पष्ट है कि कंपनी भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट हब बनाने की योजना रखती है। इसका एक बड़ा कारण चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड को लेकर जारी तनाव भी है। एपल के डिवाइसेज की अधिक कीमतें और चीन की हैंडसेट कंपनियों के कम प्राइसेज पर एडवांस्ड फीचर्स देने के कारण 2018 में भारत में एपल का मार्केट शेयर घटकर लगभग 1.2 प्र‎तिशत रह गया था, जो 2017 में 2.4 प्र‎तिशत था।

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