नई दिल्ली । कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए माना जा रहा है कि जब क्रिकेट फिर शुरु होगा तो गेंद चमकाने के लिए लार और पसीने के इस्तेमाल पर रोक लगेगी। इससे एक नई बहस छिड़ गयी है क्योंकि कई दिग्गजों का मानना है कि इससे स्विंग गेंदबाजी समाप्त हो जाएगी। इसी बीच युवा तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट का मानना है कि सीमित ओवर के क्रिकेट (एकदिवसीय और टी20) में इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। उनादकट ने अभी तक भारतीय टीम की ओर से सात एकदिवसीय और 10 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। वह इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रायल्स की ओर से खेलते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सफेद गेंद के क्रिकेट को समस्या नहीं होगी। यहां तक कि एकदिवसीय में आप 25-25 ओवर के लिए दो नयी गेंद लेते हो। सफेद गेंद के क्रिकेट में ‘रिवर्स स्विंग’ कभी भी अहम नहीं रही है। यहां तक कि जहां तक सफेद गेंद का संबंध है तो नयी गेंद के लिये आपको पसीने या लार की जरूरत नहीं पड़ती।’’इसके पीछे कारण यह है कि सफेद रंग की गेंद पर स्विंग के लिये बहुत कम या बिलकुल पसीने या लार की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा, ‘‘सफेद गेंद को अगर आप अपनी पैंट पर रगड़ोगे तो भी यह चमकदार बनी रहेगी जबकि टेस्ट मैचों में इस्तेमाल होने वाली लाल गेंद को चमकाने के लिए लार और पसीने की ज्यादा जरूरत होती है।’’इसलिये उन्हें लगता है कि सीमित ओवर के क्रिकेट में गेंदबाजों के लिये कम जोखिम होगा और इन्हें टेस्ट और प्रथम श्रेणी मैचों से पहले शुरू किया जा सकता है।
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गेंद चमकाने लार के इस्तेमाल पर रोक से एकदिवसीय क्रिकेट पर नहीं पड़ेगा असर : उनादकट