भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद का मानना है कि भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) को उम्र के साथ हेराफेरी करने वाले खिलाड़ियों और इसमें शामिल कोच को प्रतिबंधित कर देना चाहिए ताकि गलत करने वालों को सबक मिले। गोपीचंद ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आपको यह तय करने के लिए कड़े निर्णय और मजबूत उदाहरणों की आवश्यकता है उम्र कम करना एक अपराध की तरह है, इसलिए ऐसे खिलाड़ियों को प्रतिबंधित होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि आजकल खेलों में उम्र के साथ हेराफेरी करना बड़ी समस्या है इसी को देखते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और भारतीय टेबल टेनिस महासंघ (टीटीएफआई) जैसे संघों ने इसके दोषी पाये जाने वाले खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करना शुरू कर दिया है। वहीं एक अन्य कोच के विचार गोपी से अलग हैं। भारतीय बैडमिंटन टीम के पूर्व कोच विमल कुमार का मानना है कि खिलाड़ियों को प्रतिबंधित करना सही नहीं होगा। इस कोच ने कहा, ‘‘ किसी खिलाड़ी को 2-3 साल के लिए प्रतिबंधित करना सही होगा। निलंबन से प्रतिभा का नुकसान होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई खिलाड़ी अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 टूर्नामेंटों में अधिक उम्र का पाया जाता है और उसके खिलाफ उम्र से हेराफेरी का सबूत है तो ऐसे खिलाड़ियों को यह सजा दी जा सकती है कि वह किसी अन्य आयु वर्ग के टूर्नामेंट में नहीं खेल सके और सिर्फ सीनियर टूर्नामेंट में ही खेले।’’विमल कुमार साइना नेहवाल सहित कई स्टार खिलाड़ियों के कोच रहे हैं।