
नई दिल्ली । विश्व की दो शीर्ष तकनीक कंपनी ऐपल और गूगल ने कहा है कि वो कोरोना वायरस को लेकर बनाए जा रहे लोकेशन ट्रैकिंग ऐप्स को प्रतिबंधित करेंगी। इन दिनों कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगातार भारी मात्रा में लोकेशन ट्रैकिंग ऐप बनाए जा रहे हैं और इससे यूजर्स की प्राइवेसी को बड़ा खतरा है। गौरतलब है कि दुनिया भर के 99फीसदी स्मार्टफोन्स में ऐपल और गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम दिए हैं। पिछले महीने ही ऐपल और गूगल ने ऐलान किया था कि दोनों कंपनियां मिल कर कोविड-19 को लेकर खुद एक सिस्टम तैयार कर रही हैं जो आसपास के लोगों के बारे में जानकारी देगा, जिन्हें कोरोना है। गूगल और ऐपल ने ये भी कहा है कि कोरोना कॉन्टैक्ट ट्रैकिंग ऐप के लिए एपीआई यानी ऐप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस हर देश के लिए एक ही होगा, ताकि इस तरह के ज्यादा ऐप्स न बनाए जा सकें जो प्राइवेसी के लिए खतरा हैं।
एक अपडेट में कहा गया है कि ऐप्स सिर्फ सरकार की तरफ से या सरकारी पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी के लिए बनाया जाना जाना चाहिए और इन्हें सिर्फ कोविड-19 रेस्पॉन्स एफर्ट के तौर पर यूज किया जाए। इन कंपनियों ने कहा है कि इस तरह के ऐप्स को कम से कम मात्रा में डेटा कलेक्ट करना चाहिए और जो जरूरी हैं, और ये डेटा कोविड-19 रेस्पॉन्स एफर्ट के लिए यूज किया जाना चाहिए। इस डेटा के जरिए टार्गेट एडवर्टाइजिंग बैन रहेगी।
10 अप्रैल को गूगल और ऐपल ने ऐलान किया था कि वो सरकार और हेल्थ एजेंसियों की मदद के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप्स के लिए ब्लूटूथ टेक्नॉलजी के यूज को ऐनेबल करेंगी। कहा गया था कि इस तरह से यूजर प्राइवेसी पर भी ध्यान दिया जाएगा। इन दोनों कंपनियों ने डेवेलपर्स को एक्सपोजर नोटिफिकेशन ऐप्स बनाने के लिए नए रिसोर्स दिए हैं जिनमें यूजर इंटरफेस और सैंपल कोड हैं, जो एंड्रॉयड और आईओएस के लिए हैं। हालांकि गूगल और ऐपल ने कहा है कि ये टेक्नॉलजी सिर्फ पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी को यूज करने दिया जाएगा। हाल ही में ऐपल आईओएस 13.5 बीटा में कोविड-19 नोटिफिकेशन ऐनेबल करने का ऑप्शन दिया गया है।