नई दिल्ली । लॉकडाउन के कारण डीयू के शोधार्थियों की छात्रवृत्ति भी प्रभावित हुई है। एमफिल और पीएचडी के छात्रों को नॉन नेट फेलोशिप नहीं मिली है। पीएचडी के छात्रों को आठ हजार और एमफिल के छात्रों को 5000 रु बतौर छात्रवृत्ति मिलते है। राजनीति विज्ञान के एक शोधार्थी ने बताया कि जब से नामांकन हुआ है, तबसे छात्रवृत्ति नहीं आ रही है। बार-बार पूछताछ करने के बाद भी ऑफिस से कोई जानकारी नहीं मिली। अब लॉकडाउन के कारण ऑफिस पता करने भी नहीं जा पा रहे हैं। छात्र का कहना है कि मैं बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला हूं और यहां पटेल चेस्ट इलाके में किराए पर रहता हूं। यह राशि अगर एकमुश्त मिल जाती तो अच्छा था। अगर दो माह की भी मिल जाती तो मकान का किराया और अन्य खर्च चल सकता था, लेकिन अब तक यह राशि नहीं आई है। अफ्रीकन स्टडीज में एमफिल करने वाले एक छात्र का कहना है कि 5000 की राशि बहुत बड़ी नहीं है, लेकिन जरूरतमंद के लिए कम भी नहीं है। मैं परिवार के साथ दिल्ली में रहता हूं लेकिन मेरे अपने खर्च जैसे कॉपी-किताब और जरूरी सामान के लिए यह राशि काफी अहम है। नवंबर से यह राशि हमें नहीं मिली है। इसी तरह अन्य छात्रों को भी छात्रवृत्ति नहीं मिलने से परेशानी हो रही है। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ने डीयू के कुलपति को इस बाबत पत्र भी लिखा है। इस बारे में डीयू में शिक्षक नेता और कार्यकारी समिति के पूर्व सदस्य एके भागी ने बताया कि मैंने इस बाबत डीयू कुलपति को पत्र भी लिखा है। इसकी गंभीरता को समझते हुए छात्रों को तुरंत छात्रवृत्ति राशि जारी करने के लिए कहा है।
रीजनल नार्थ
डीयू में शोधार्थियों की रुकी छात्रवृत्ति