
नई दिल्ली। चीन की कंपनी शियोमी ने स्पष्ट किया है वह यूज़र्स की प्राइवेसी को बेहद गंभीरता से लेती है और उसका ब्राउजर बिना लोगों की सहमति के कोई भी डेटा स्टोर नहीं करता है। कंपनी का यह स्पष्टीकरण उन खबरों के बाद आया है, जिनमें कहा गया है कि कंपनी का एमआई ब्राउजर अनावश्यक जानकारियां इकट्ठा करता है और डेटा को अन्य देशों में भेजता है। शियोमी इंडिया के हेड और वीपी मनु कुमार जैन ने कहा, ‘ये गलत है और सच नहीं है। शियोमी एक इंटरनेट कंपनी के रूप में यूज़र्स की सिक्योरिटी को बहुत गंभीरता से लेती है। एमआई ब्राउज़र दुनिया के किसी भी बाकी लीडिंग ब्राउजर के समान प्रोटोकॉल को फॉलो करता है।’ उन्होंने कहा कि कंपनी यूज़र्स के ऐसे किसी भी डेटा को इकट्ठा नहीं करती है, जिसके लिए उसने स्पष्ट रूप से अनुमति या सहमति नहीं दी है। मनु जैन ने कहा कि ब्राउज़र के इनकॉग्निटो मोड में सारे डेटा पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड और अनाम रहते हैं। ऐसे में एमआई ब्राउजर कभी नहीं जान पाएगा कि आप इनकॉग्निटो मोड में क्या ब्राउज करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय यूज़र के सारे डेटा को स्थानीय रूप से भारत में ही अमेज़न वेब सर्विसेज के सर्वर में स्टोर किया जाता है।दरअसल कुछ दिन पहले खबर आई थी कि अनुभवी साइबर रिसर्चर क्यूप्स गाबी सीरलिंग का कहना था कि वो अपने रेडमी नोट 8 स्मार्टफोन फोन पर जो कुछ भी कर रहे थे, उसे वह रिकॉर्ड कर रहा था और उस डेटा को अन्य चीनी टेक दिग्गज कंपनी, अलीबाबा द्वारा होस्ट किए गए रिमोट सर्वर पर भेजा जा रहा था, जो कि शियोमी द्वारा किराए पर लिया गया है। इस साइबर रिसर्चर ने दावा करते हुए बताया कि उनके हर तरीके के काम पर नज़र रखी जा रही थी। जब उन्होंने अपने स्मार्टफोन के डिफॉल्ट शियोमी ब्राउज़र के वेब पेज पर सर्च करना शुरू किया तो उन्होंने पाया कि वहां पर उनकी सभी वेबसाइटों को रिकॉर्ड किया गया है।