वित्तीय संकट का सामना कर रही विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज के 15 और विमान किराया नहीं चुका सकने के कारण खड़े कर दिए गए हैं और अब उसके मात्र 20 विमान परिचालन में बचे हैं। कंपनी ने बताया कि पट्टे पर जिन कंपनियों से विमान लिए गए हैं, उन्हें किराये की राशि नहीं चुका पाने के कारण उनका परिचालन बंद कर दिया गया है। पिछले सप्ताह के आरंभ में नागर विमानन महानिदेशालय ने बताया था कि कंपनी के मात्र 35 विमान परिचालन में थे। इस प्रकार कुछ महीने पहले तक 120 विमानों का बेड़ा रखने वाली कंपनी के विमानों की संख्या घटकर अब 20 रह गई है। एयरलाइंस ने कहा है कि नकदी संकट के कारण वह किराये की राशि नहीं चुका पाई है। नकदी संकट हल करने के लिए किए गए उपायों के बारे में उसने विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों को बताया गया है । उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ऋणदाताओं को भी भुगतान करने में विफल रही है। दिवाला प्रक्रिया के तहत भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम ने उसके ऋण के बदले इक्विटी के माध्यम से हिस्सेदारी लेने का फैसला किया है जिसे एयरलाइंस के बोर्ड ने भी मंजूरी दे दी है। एसबीआई तत्काल 1,500 करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध कराने पर भी सहमत हुआ है, लेकिन कर्मचारियों के बकाये, विमान ईंधन के लिए भुगतान, हवाई अड्डा शुल्क और विमानों के किराये के मदद में भारी बकाये को देखते हुये यह राशि काफी कम है।