नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस के जवानों की सेहत की जानकारी रखने से लेकर लक्षण दिखने पर जांच और बीमार होने पर उसे भर्ती कराने तक की जिम्मेदारी संबंधित एसएचओ की होगी। यह आदेश सभी एसएचओ को जारी किया गया है, ताकि बीमारी का इलाज प्रारंभिक स्तर पर कराया जा सके। संबंधित थाने के एसएचओ या इंस्पेक्टर इंचार्ज की यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने अधीन काम करने वाले पुलिस कर्मियों की सेहत की जानकारी रखें और अगर जरूरत हो तो हालात के मुताबिक कार्रवाई करें। निर्देश के मुताबिक, मेडिकल इमरजेंसी अथवा कोरोना के लक्षण दिखने की हालत में एसएचओ पीड़ित पुलिसकर्मी को डॉक्टर के पास ले जाएं और राय लें कि कोरोना टेस्ट कराया जाना चाहिए या नहीं।माना जा रहा है कि दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल अमित की मौत के बाद दिल्ली पुलिस ने कोरोना को लेकर यह गाइडलाइन जारी की है। पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कोरोना संक्रमितों अथवा कोरोना के लक्षण दिखने वाले पुलिस कर्मियों के इलाज के लिए एक स्टैंडर्ड गाइडलाइन जारी की है। दिल्ली पुलिस द्वारा जारी इस स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) का उद्देश्य समय पर कोरोना के संभावित मरीजों की पहचान करना और उन्हें सर्वोत्तम इलाज मुहैया कराना है। यदि जरूरत पड़ती है तो पुलिसकर्मी का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा और डॉक्टरों की राय के आधार पर उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा अथवा होम क्वारंटाइन पर भेजा जाएगा। यदि किसी पुलिसकर्मी को सांस लेने में दिक्कत हो, उसे बुखार हो तो उसे एम्स, अपोलो, सफदरजंग, आरएमएल, एलएनजेपी, डीडीयू अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में से किसी में दिखाना होगा।
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दिल्ली पुलिस कर्मी के बीमार होने पर एसएचओ की होगी जिम्मेदारी