न्यूयॉर्क । एक नए शोध में खुलासा हुआ है कि ज्यादा दोस्त होने और सामाजिक दायरा बढ़ने से दिमाग पर उम्र का असर देर से होता है, दिमाग सुरक्षित रहता है और जीवन स्तर में सुधार होता है। अध्ययनकर्ताओं की माने तो यादों, भावनाओं और प्रेरणाओं को महसूस करने वाला दिमाग का हिस्सा स्पष्ट रूप से उम्र के साथ प्रभावित होता है। लोगों के दिमाग के इस हिस्से में सामाजिक संबंध संरक्षित रहते हैं। अमेरिका के कोलंबस में ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में ‘न्यूरोलॉजिकल इंस्टिट्यूट’ की मुख्य शोधकर्ता एलिजाबेथ किर्बी ने कहा, ‘हमारे शोध में खुलासा हुआ कि सामाजिक रूप से सक्रिय व्यक्ति के दिमाग पर उम्र का प्रभाव पड़ता है।’
शोध के तहत शोधकर्ताओं के दल ने 15-18 महीने के चूहों के दो समूह बनाकर तीन महीनों तक अध्ययन किया जब उनकी प्राकृतिक स्मरण शक्ति में गिरावट आने लगती है। चूहों को एक खिलौना पहचानने का शोध कर उनकी स्मरण शक्ति परखी गई। शोध के परिणामों के अनुसार समूह में रहने वाले चूहों की स्मरण क्षमता बेहतर थी। किर्बी ने कहा, ‘जहां अकेले साथी के साथ रहने वाले चूहे यह पहचानने में असफल रहे कि किसी वस्तु को हटाया गया है, वहीं समूह में रहने वाले चूहों ने बेहतरीन परिणाम दिए। वे दूसरी जगह रखे गए पुराने खिलौने के पास गए और अपने स्थान पर रखे गए दूसरे खिलौने को उन्होंने नजरंदाज कर दिया।’
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दोस्त ज्यादा हों तो दिमाग पर उम्र का असर होता है देर से -दिमाग सुरक्षित रहने के साथ जीवन में होता है सुधार