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 डीयू में ओपन बुक परीक्षा की तैयारी

 डीयू में ओपन बुक परीक्षा की तैयारी

नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के समक्ष वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती स्नातक तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा और परिणाम है। डीयू द्वारा गठित टास्क फोर्स ने ओपन बुक के माध्यम से परीक्षा कराने का सुझाव रखा है। इसकी तैयारी शुरू होते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। डीयू की टास्क फोर्स के अलावा डीयू ने परीक्षा के लिए वर्किंग ग्रुप बनाया है जिसमें 15 सदस्य हैं। इस बैठक में सदस्यों ने इस पर चर्चा की लेकिन अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अगर ओपन बुक से परीक्षा लेने संबंधी निर्णय हो जाता है तो छात्रों को घर बैठे परीक्षा देना होगा। डीयू में रेगुलर छात्रों से अधिक एसओएल के छात्रों की संख्या है जो स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।
- क्या है सुझाव 
डीयू के एक शिक्षक का कहना है कि ओपन बुक परीक्षा को लेकर टास्क फोर्स ने जो सुझाव दिया उसमें कहा गया है कि छात्रों को मेल के माध्मय से प्रश्नपत्र दिए जाएंगे इस प्रश्नपत्र का उत्तर दो घंटे में हाथ से लिखकर छात्र अटैच करके पुन: मेल के माध्मय से ही डीयू को भेज दें। इस प्रश्न के उत्तर में परीक्षक यह जानने का प्रयास भी करेंगे कि छात्र ने सवाल के जवाब में पुस्तक के अलावा अपनी प्रतिभा का किया प्रयोग किया है। इससे स्नातक तृतीय वर्ष के न केवल रेगुलर बल्कि एसओएल में पढ़ने वाले छात्रों की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। ४५ फीसदी छात्र बाहर के रहने वाले विद्वत परिषद, शिक्षक संघ कार्यकारिणी व पूर्व विद्वत परिषद के सदस्यों ने डीयू कुलपति प्रो.योगेश कुमार त्यागी को पत्र लिखा है कि ओपन बुक परीक्षा का डीयू में प्रावधान नहीं है। पत्र लिखने वालों में से एक डॉ.पंकज गर्ग का कहना है कि डीयू में लगभग 45 फीसदी छात्र से बाहर के हैं लेकिन सभी के पास इंटरनेट नहीं है। साथ ही विज्ञान के वे विषय जो चित्र और रेखांकन से जुड़े हैं उनमें छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। डॉ.पंकज गर्ग के अनुसार, विश्वविद्यालयों के परीक्षा आयोजित करने संबंधी बनी समिति के सुझाव को यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को भेजा है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के खंड 3 में स्पष्ट कहा गया है कि विश्वविद्यालय के नियम और कानून अध्यादेश में ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। हमारी मांग है कि इस मुद्दे पर अकादमिक परिषद की बैठक तुरंत बुलाई जाए।
 डीयू में ओपन बुक परीक्षा की तैयारी
नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के समक्ष वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती स्नातक तृतीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा और परिणाम है। डीयू द्वारा गठित टास्क फोर्स ने ओपन बुक के माध्यम से परीक्षा कराने का सुझाव रखा है। इसकी तैयारी शुरू होते ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। डीयू की टास्क फोर्स के अलावा डीयू ने परीक्षा के लिए वर्किंग ग्रुप बनाया है जिसमें 15 सदस्य हैं। इस बैठक में सदस्यों ने इस पर चर्चा की लेकिन अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। अगर ओपन बुक से परीक्षा लेने संबंधी निर्णय हो जाता है तो छात्रों को घर बैठे परीक्षा देना होगा। डीयू में रेगुलर छात्रों से अधिक एसओएल के छात्रों की संख्या है जो स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं।
- क्या है सुझाव 
डीयू के एक शिक्षक का कहना है कि ओपन बुक परीक्षा को लेकर टास्क फोर्स ने जो सुझाव दिया उसमें कहा गया है कि छात्रों को मेल के माध्मय से प्रश्नपत्र दिए जाएंगे इस प्रश्नपत्र का उत्तर दो घंटे में हाथ से लिखकर छात्र अटैच करके पुन: मेल के माध्मय से ही डीयू को भेज दें। इस प्रश्न के उत्तर में परीक्षक यह जानने का प्रयास भी करेंगे कि छात्र ने सवाल के जवाब में पुस्तक के अलावा अपनी प्रतिभा का किया प्रयोग किया है। इससे स्नातक तृतीय वर्ष के न केवल रेगुलर बल्कि एसओएल में पढ़ने वाले छात्रों की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। ४५ फीसदी छात्र बाहर के रहने वाले विद्वत परिषद, शिक्षक संघ कार्यकारिणी व पूर्व विद्वत परिषद के सदस्यों ने डीयू कुलपति प्रो.योगेश कुमार त्यागी को पत्र लिखा है कि ओपन बुक परीक्षा का डीयू में प्रावधान नहीं है। पत्र लिखने वालों में से एक डॉ.पंकज गर्ग का कहना है कि डीयू में लगभग 45 फीसदी छात्र से बाहर के हैं लेकिन सभी के पास इंटरनेट नहीं है। साथ ही विज्ञान के वे विषय जो चित्र और रेखांकन से जुड़े हैं उनमें छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। डॉ.पंकज गर्ग के अनुसार, विश्वविद्यालयों के परीक्षा आयोजित करने संबंधी बनी समिति के सुझाव को यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को भेजा है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के खंड 3 में स्पष्ट कहा गया है कि विश्वविद्यालय के नियम और कानून अध्यादेश में ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा का कोई प्रावधान नहीं है। हमारी मांग है कि इस मुद्दे पर अकादमिक परिषद की बैठक तुरंत बुलाई जाए।
 

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