नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा कि वह दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले में 22 जून तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे। खान की वकील वृंदा ग्रोवर ने मंगलवार को कहा कि न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम राहत देते हुए पुलिस से कहा कि अगर जांच के लिए उन्हें बुलाने की जरूरत हो तो उन्हें इसके लिये पहले नोटिस दिया जाए। खान ने अपनी उम्र, स्वास्थ्य संबंधी मुश्किलों और कोविड-19 के जोखिम के मद्देनजर उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राजद्रोह मामले में अग्रिम जमानत दिये जाने का अनुरोध किया था।
खान ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर 28 अप्रैल को कथित तौर पर राजद्रोह वाली और द्वेषपूर्ण टिप्पणी के साथ एक पोस्ट डाली थी। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने दो मई को एक शिकायत के आधार पर खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत राजद्रोह व विभिन्न समुदायों के बीच धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, आवास और के आधार पर नफरत फैलाने के अपराध के सिलसिले में मामला दर्ज किया था।
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राजद्रोह मामले में जफरुल इस्लाम के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न करें पुलिस: हाईकोर्ट