जेट एयरवेज के प्रवर्तक और पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल ने कहा है कि एयरलाईन को समय पर कोष उपलब्ध कराने के लिए कर्जदाताओं द्वारा रखी गई हर तरह के नियम, शर्त को स्वीकार किया है। कर्ज संकट से जूझ रही इस एयरलाइन के कर्ज समाधान को आगे बढ़ाते हुए इसके कर्जदाता कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे और इसमें 1,500 करोड़ रुपये का कोष डालेंगे। एयरलाइन के भविष्य को लेकर बढ़ती चिंता के बीच गोयल ने कहा है कि उन्होंने भारतीय कर्जदाताओं के समूह को सहयोग देने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ कुछ कड़े, व्यक्तिगत फैसले लिए है, और मैंने उनकी समयबद्ध तरीके से रखी गई हर शर्त को माना। गोयल का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब एयरलाइन ने यह खुलासा किया है कि पट्टा किराया नहीं देने की वजह से उसके 15 और विमान खड़े कर दिए गए हैं। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल की २५ मार्च को हुई बैठक में कर्ज समाधान योजना के तहत कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये डाले जाएगे और उसके ऋण को इक्विटी पूंजी में बदला जाएगा।