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माल्या की भारत वापसी में लग सकते हैं दो साल

माल्या की भारत वापसी में लग सकते हैं दो साल

 ब्रिटेन ने भारतीय ‎बिजनेसमैन विजय माल्या के प्रत्यर्पण को स्वीकृ‎ति दे दी है। बता दें ‎कि माल्या पर भारतीय बैंकों के करोड़ों रुपये बक़ाया हैं और वो साल 2016 से ब्रिटेन में हैं। माल्या के प्रत्यर्पध को लेकर क़रीब दो महीने पहले लंदन की एक निचली अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण को मंज़ूरी दी थी। निचली अदालत के ‎‎निर्णय के बाद ब्रिटेन के गृह मंत्री को इस पर फ़ैसला लेना था। ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने अब माल्या के प्रत्यर्पण को स्वीकृ‎ति दे दी है। ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया ‎कि गृह मंत्री ने सभी मामलों पर सावधानी से ग़ौर करने के बाद तीन फ़रवरी को विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण के आदेश पर हस्ताक्षर किए। माल्या ने लिखा है, निचली अदालत के 10 दिसंबर, 2018 के फ़ैसले के बाद ही मैंने इसे चुनौती देने की मंशा जता दी थी। लेकिन गृह मंत्री के फ़ैसले के पहले मैं अपील की कार्रवाई नहीं कर सकता था। इस फैसले के बाद अब मैं अपील की कार्रवाई करूंगा।
गौरतलब है ‎कि माल्या को तुरंत ही भारत लाना मुमकिन नहीं होगा। फ़िलहाल विजय माल्या के पास इस आदेश को चुनौती देने के लिए 14 दिन का वक़्त है। गृहमंत्री के आदेश के ख़िलाफ वो पहली अपील हाई कोर्ट में कर सकते हैं। अगर हाई कोर्ट में उनकी अपील ख़ारिज हुई तो वो इसके ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में क़रीब दो साल का वक़्त  और लग सकता है। एक लीगल फ़र्म के संस्थापक कहते हैं,कि ‎विजय माल्या के पास 14 दिनों का समय है जिसके अंदर वो ब्रितानी गृहमंत्रालय के फ़ैसले को चुनौती दे सकते हैं। अगर उनकी अपील स्वीकार कर ली जाती है तो कोर्ट ऑफ़ अपील (जिसे भारत का हाईकोर्ट कहा जा सकता है) में सुनवाई होगी। ये सुनवाई पूरी होने में लगभग 5-6 महीने का वक्त लग सकता है। अगर माल्या यहां भी केस हार जाते हैं तो फिर वो ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई पूरी होने में कई महीने या साल भी लग सकते हैं।

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