सोशल मीडिया पर जितना आसान शेयर करना होता है। वैसे ही अब इस सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से डेटा लीक होना आसान होता जा रहा है। हालही में सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म फेसबुक यूजर्स के डेटा लीक को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। जिससे एक बार फिर यूजर्स के डेटा की सुरक्षा का मुद्दा अहम हो गया है। रिसर्चर्स के अनुसार, फेसबुक यूजर्स के डेटा का एक बहुत बड़ा हिस्सा ऐमजॉन के क्लाउड कंप्यूटिंग सर्वर पर सार्वजनिक रूप से नजर आ रहा है। एक साइबर स्पेस फर्म अपगार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक के लिए काम करने वाली 2 थर्ड पार्टी कंपनियों ने यूजर्स का डेटा ऐमजॉन के सर्वर पर स्टोर कर दिया है, जिसे पब्लिक आसानी से डाउनलोड कर सकती है। इसमें से एक कंपनी ने 146 गीगाबाइट डेटा कलेक्ट किया है जिसमें यूजर्स के लाइक्स, कॉमेंट, रिऐक्शन और अकाउंट नेम जैसे 540 मिलियन (54 करोड़) रेकॉर्ड शामिल हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर कितने यूजर्स का डेटा इसमें शामिल है। वहीं दूसरे ऐप ने करीब 22,000 फेसबुक यूजर्स का अनप्रोटेक्टेड पासवर्ड स्टोर किया है। अपवार्ड के साइबर रिस्क रिसर्च के डायरेक्टर क्रिस विकरी ने बताया, 'यह डेटा फेसबुक इंटीग्रेशन के माध्यम से इकट्ठा किया गया है। फेसबुक थर्ड पार्टी डिवेलपर्स को किसी ऐप या फिर वेबसाइट पर अपने प्लैटफॉर्म के जरिए साइन इन करने की अनुमति देती है। ऐसे में फेसबुक के पास अपने यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने की गारंटी देने का कोई अन्य तरीका नहीं होता। इस मामले पर फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा, 'यूजर्स के डेटा को पब्लिक डेटाबेस पर स्टोर करना फेसबुक की पॉलिसी के खिलाफ है। इस बारे में पता चलते ही हमने ऐमजॉन के साथ मिलकर इसे हटाने पर काम किया। अपने प्लैटफॉर्म पर लोगों के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए हम डिवलपर्स के साथ काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हालांकि इस मामले पर अभी तक ऐमजॉन की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। बता दें कि सबसे पहले एक मीडिया कंपनी ने इस खबर की जानकारी दी थी। गौरतलब है कि पिछले साल फेसबुक पर 2016 में राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के चुनाव अभियान के दौरान कैंब्रिज एनालिटिका को निजी डेटा मुहैया कराने के आरोप लगे थे। फेसबुक ने यह स्वीकार किया था कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने उसके 8 करोड़ 70 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं का डेटा चुराया था। इसके अलावा पिछले साल सितंबर में करीब 5 करोड़ से भी ज्यादा फेसबुक अकाउंट की सुरक्षा में सेंध लगने की भी जानकारी मिली थी।