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महाराष्ट्र में सभी निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड लेगी सरकार  - आज जारी हो सकता है आदेश

महाराष्ट्र में सभी निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड लेगी सरकार  - आज जारी हो सकता है आदेश

मुंबई, । मुंबई समेत समूचे महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते अब सरकारी अस्पतालों में बेड कम पड़ने लगे हैं. वहीं कोरोना की लड़ाई में सहयोग करने के लिए बार-बार सरकार की ओर से निजी अस्पतालों से अपील की जा रही है। इसके बावजूद निजी अस्पताल सहयोग करना तो दूर, कई निजी पंचतारांकित अस्पताल कोरोना रोगियों को लूट रहे हैं, जिनकी शिकायतें सरकार को मिल रही हैं। इसके अलावा मरीजों को उपचार के लिए अस्पताल में एडमिट नहीं करने की शिकायतें भी मिल रही हैं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र सरकार मुंबई समेत राज्य के सभी निजी अस्पतालों के इमर्जेंसी विभाग के बेड सहित अस्पताल के 80 प्रतिशत बेड सरकार ने अपने अधीन लेने का निर्णय किया है। इस संबंध में आज सोमवार को आदेश जारी किए जाने की संभावना है। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने ३० अप्रैल से एपिडेमिक एक्ट १८९७ अत्यावश्यक सेवा कानून लागू किया है। लेकिन कई निजी अस्पताल इस नियम का पालन करने में टाल-मटोल कर रहे हैं। इस आदेश में निजी अस्पताल कौन सी बीमारी के लिए कितनी दर लेंगे यह निश्चित किया गया है। परंतु कुछ निजी अस्पताल उक्त नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और लाखों रुपए वसूल रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में निजी अस्पतालों से संबंधित लोगों की पिछले दिनों महापौर बंगले पर बैठक हुई थी। ‘महात्मा फुले जीवनदायी योजना’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सुधाकर शिंदे ने कौन-सा अस्पताल किस बीमारी के लिए कितना बिल वसूल रहा है, इसकी आंकड़ेवारी प्रस्तुत की थी। ये आंकड़ेवारी सुनकर मुख्यमंत्री सहित वहां उपस्थित सभी लोग अवाक रह गए। इसके बाद निजी अस्पताल से संबंधित लोगों के साथ मुख्य सचिव अजोय मेहता की अध्यक्षता में दो बैठक हुई, परंतु ठोस पर्याय नहीं निकल सका। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एपिडेमिक एक्ट अत्यावश्यक सेवा कानून व अन्य कानून का कड़ाई से अमल करने का निर्णय लिया। इस संबंध में बीते शनिवार को फिर हुई बैठक में 53 सदस्यों ने निजी अस्पतालों के बेडों की सविस्तार जानकारी अस्पताल से सबंधित लोगों से ली, लेकिन सूत्रों की मानें तो वे लोग सही जानकारी नहीं दे सके. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 80 प्रतिशत बेड अपने अधीन लेने का निर्णय किया है, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी। सूत्रों के अनुसार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ट्रस्ट को अस्पताल के लाभ और हानि की जांच करने के लिए कहा है और अब अगर ये अस्पताल सहयोग नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दी है.
 

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