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चित्रदुर्ग सीटः कांग्रेस के दुर्ग में भाजपा देगी चुनौती

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चित्रदुर्ग सीटः कांग्रेस के दुर्ग में भाजपा देगी चुनौती
कर्नाटक की चित्रदुर्ग लोकसभा सीट पर आम तौर पर कांग्रेस का कब्जा रहा है । यह क्षेत्र राज्य की राजधानी बेंगलुरु से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस लोकसभा सीट पर हमेशा से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है और फिलहाल यहां से कांग्रेस के ही बी एन चंद्रप्पा सांसद हैं। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व भी काफी रहा है और किसी जमाने में यह शहर चित्तलदुर्ग के नाम से जाना जाता था। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस ने फिर चंद्रप्पा पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा है। वहीं चुनावी मैदान में उन्हें बीजेपी के ए नारायणस्वामी चुनौती देंगे। बसपा, पिरामिड पार्टी ऑफ इंडिया, अंबेडकर समाज पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) स‎हित कई अन्य पार्टियों के उम्मीदवार भी यहां चुनावी मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। कर्नाटक में लोकसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहले चरण का मतदान 18 अप्रैल और दूसरे चरण का मतदान 23 अप्रैल को होगा। पहले चरण के लिए 241 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कर्नाटक लोकसभा की कुल 28 सीटें हैं। 2014 में यहां पर एक चरण में मतदान संपन्न कराया गया था। उल्लेखनीय है कि चित्रदुर्ग लोकसभा सीट पहले मैसूर स्टेट में आती थी और तब इसे चित्तलदुर्ग के नाम से जाना जाता था। साल 1977 से यह सीट कर्नाटक राज्य के अंतर्गत आ गई। यहां अब कुल 16 लोकसभा चुनाव हुए हैं जिनमें 11 बार कांग्रेस को जीत मिली है। इसके अलावा पूर्व के चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, स्वतंत्र पार्टी, जनता दल और जेडीयू के उम्मीदवारों ने भी यहां जीत दर्ज की है। पहली और सिर्फ एक बार 2009 में इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में यह सीट फिर से कांग्रेस के खाते में चली गई थी। बता दें कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ गठबंधन में असंतोष की खबरों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी और जेडीयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं से लोकसभा चुनाव में गठबंधन को जिताने के लिए मिलकर संघर्ष करने को कहा है। उन्होंने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में इन चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई है कि राज्य की सभी 28 लोकसभा सीटों पर साथ मिलकर चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी के अंदर असंतोष से चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ सकता है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस कर्नाटक में मिलकर चुनाव लड़ रही है। शुरू में ही मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेडीएस के उम्मीदवारों की मदद करनी चाहिए और जेडीएस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को कांग्रेस प्रत्याशियों का समर्थन करना होगा। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों का लक्ष्य नरेंद्र मोदी और भाजपा को हराना है।’’

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