मुंबई । महाराष्ट्र सरकार में शामिल पार्टी एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कोरोना संकट के दौर में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करके कई सुझाव दिए।
शरद पवार के मुताबिक सबसे बड़ी चुनौती शैक्षणिक संस्थाओं के सामने आने वाली है। महामारी और लॉकडाउन के कारण अगले शैक्षणिक वर्ष में देरी होगी। शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या भी घटेगी। शैक्षणिक संस्थान वित्तीय घाटे में जा सकते हैं। कुछ शैक्षणिक संस्थान बंद भी हो सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि सरकार एक अध्ययन समिति बनाकर होने वाले नुकसान को रोकने के उपाय तलाशे।
एनसीपी प्रमुख के मुताबकि राज्य में उद्योगों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसलिए कारखानों को फिर से शुरू करने के लिए रणनीति बनानी होगी। मजदूरों के पलायन से फैक्ट्रियों का काम प्रभावित होगा, इसलिए मजदूरों को वापस लाने की भी योजना बनाने की जरूरत है। राज्य में बंदरगाहों और अन्य उद्योगों को खोलने के लिए भी जरूरी कदम उठाए जाना जरूरी है। लॉकडाउन से बधित रोड ट्रांसपोर्ट को भी धीरे धीरे खोलने के साथ हवाई और रेल यात्रा शुरू करने की भी योजना बनानी होगी।
शरद पवार ने एक के बाद एक कई ट्वीट करके आने वाली चुनौती से निपटने के लिए जरूरी सुझावों के साथ एहतियात बरतने की भी हिदायत दी है। यह भी कहा है कि कोरोना का संकट इतनी जल्दी खत्म नहीं होगा इसलिए हमें कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी।
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शरद पवार ने कोरोना संकट के दौर में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा करके कई सुझाव दिए