नई दिल्ली । लॉकडाउन-4 में दिल्ली को चलाने के लिए सरकार ने अपने दफ्तरों के नियम कायदे तय कर दिए हैं। सभी दफ्तर पूरी क्षमता के साथ खुलेंगे। अगर कोई स्टाफ दो दिन तक दफ्तर नहीं आता है तो उससे लिखित में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है। नए आदेशों के तहत 100 फीसदी स्टाफ दफ्तरों में आएगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने सभी ब्रांच के इंचार्ज से कहा है कि वह अपने अधीनस्थ स्टाफ की दैनिक उपस्थिति का रजिस्टर तैयार करवाएं। हर ब्रांच इंचार्ज इसका साप्ताहिक रिकार्ड उप सचिव के जरिये सचिव तक पहुंचाएगा।
आदेश में कहा गया है कि अगर कोई अधिकारी या कर्मचारी कार्य दिवस के दो दिनों में दफ्तर नहीं आता तो उससे लिखित में दफ्तर न पहुंचने की वजह पूछी जाएगी। साथ ही अनुपस्थित रहने वाले अधिकारी को इसका पूरा विवरण भी देना होगा। इससे कर्मचारी की अनुपस्थिति की असल वजह पता सकेगी। साथ ही यह सुनिश्चित हो सकेगा कि लॉकडाउन चार के नियमों पर सरकारी दफ्तर चल रहे हैं।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने फोन स्विच ऑफ कर निगम के संपर्क में नहीं रहने पर कई शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शिक्षकों से 24 घंटे में इसका जवाब मांगा गया है। दरअसल, निगम के शिक्षा विभाग ने कोरोना के प्रकोप को देखते हुए सभी स्कूलों के शिक्षकों को घरों में रहने की हिदायत दी थी। साथ ही यह भी कहा गया था कि वह फोन पर निगम के साथ-साथ विद्यार्थियों के संपर्क में भी रहेंगे।
वहीं, यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें ड्यूटी पर भी बुलाया जाएगा, लेकिन अब जब निगम में शिक्षकों को संपर्क किया तो शिक्षकों के फोन स्विच ऑफ आ रहे हैं। बताया जा रहा है इन शिक्षकों की संख्या 31 है जो काफी दिनों से निगम के संपर्क में नहीं हैं। इसको देखते हुए निगम के शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर 24 घंटे में शिक्षकों से कारण बताने के लिए कहा है।
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दफ्तर न आने वाले कर्मचारियों से मांगा जाएगा स्पष्टीकरण