रिलायंस जियो ने दिसंबर तिमाही में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के लिहाज से पुरानी दूरसंचार कंपनियों के मुकाबले अपनी बढ़त और मजबूत की है। दिसंबर तिमाही में नौ तिमाही के बाद लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्कि कलेक्शन में तेजी आई थी। इससे दूरसंचार कंपनियों में रिवाइवल की शुरुआत का संकेत मिल रहा है। मुकेश अंबानी की जियो का एजीआर तिमाही दर तिमाही आधार पर अक्टूबर-दिसंबर के बीच 14.63 फीसदी बढ़कर 9,482.31 करोड़ रुपए रहा। इसकी तुलना में सब्सक्राइबर्स के लिहाज से देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया का एजीआर 4.05 फीसदी गिरकर 7,223.72 करोड़ रुपए और भारती एयरटेल का 4.18 फीसदी कम होकर 6,439.65 करोड़ रुपए था। जियो सितंबर तिमाही र्टर में वोडाफोन आइडिया को पीछे छोड़कर एजीआर के लिहाज से सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बन गई थी। दिसंबर तिमाही में दूरसंचार क्षेत्र का एजीआर तिमाही दर तिमाही आधार पर 0.24 फीसदी गिरकर 36,054 करोड़ रुपए रहा। दूरसंचार सेववाओं के कुल एजीआर में एक्सेस सर्विसेज ने 72.31 फीसदी का योगदान दिया, लेकिन दिसंबर क्वॉर्टर में लाइसेंस फीस और एयूसी कलेक्शन दोनों में नौ तिमाही के बाद बढ़ोतरी हुई है। इससे संकेत मिल रही है कि दूरसंचार कंपनियों में लंबे समय से चल रही उथल-पुथल अब कम हो सकती है। रिलायंस जियो के बाजार में आने के बाद से प्राइस वॉर शुरू हुई थी और इससे पुरानी दूरसंचार कंपनियों को राजस्व और मुनाफा का बड़ा नुकसान हुआ है।