नई दिल्ली । कोरोना की वजह से देशव्यापी बंदी ने गरीब-मजदूर और असहाय लोगों के लिए कई तरह की मुश्किलें पैदा कर दी हैं। ऐसे लोगों की जिंदगी में ईद की खुशियां बिखेरने के लिए कैराना के एक व्यापारी ने ईदी उपहार के तौर पर अपने गारमेंट और जूते के शोरूम का सारा सामान गरीबों में बांट दिया।
कैराना तहसील के सामने गोल्ड प्लाजा कॉम्पलेक्स की तीन मंजिलों में रेडीमेड जूतों का शोरूम जिसके मालिक कस्बे के ही व्यापारी इंतजार उर्फ शब्बू हैं। शुक्रवार को उन्होंने अपने शोरूम के कपड़ों और जूतों को गरीबों में दान कर दिया। इसके लिए शब्बू ने प्रशासन को अवगत कराते हुए व्यवस्था संभालने के लिए पुलिस की मांग की। जिलाधिकारी जसजीत कौर खुद दोपहर के बाद कैराना पहुंचीं और अपने हाथों से गरीबों को जूते और कपड़े बांटे। व्यापारी इंतजार ने बताया कि ईद पर गरीब लोग नए कपड़े नहीं खरीद पा रहे थे। मां की सलाह पर उन्होंने सारे कपड़े दान कर दिए। सैकड़ों गरीब बच्चों को दोपहर के बाद जैसे ही नए कपड़ों के थैले और जूते मिले उनके चेहरे खिल उठे। लॉकडाउन के दौरान इंतजार करीब पांच हजार गरीब परिवारों को एक-एक माह की राशन किट भी बांट चुके हैं। जिस्म पर बुर्का ,16 घंटे का रोजा और कंधे पर सैनिटाइजिंग मशीन। ये हैं उजमा सैयद। कोरोना से लड़ाई में इनके लिए मस्जिद और मंदिर दोनों बराबर है। उजमा बिना भेदभाव के मंदिर और मस्जिद समेत लोगों के घरों को कोरोना संक्रमण से मुक्त करने में लगी हैं। आदतगंज में रहने वाली सामजसेविका उजमा सैयद ने पुराने लखनऊमें सैनिटाइज करने का बीड़ा उठाया है। उजमा बताती हैं कि पुराने लखनऊ की तंग गलियों में नगर निगम व स्वस्थ्य विभाग कम पहुंच पाते हैं। इसलिए मैंने अपनी बचत से सैनिटाइजिंग मशीन खरीदी और मोहल्लों को सैनिटाइज करने में जुट गईं। अब तक वह 95 हजार रूपए खर्च कर चुकी हैं।
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कारोबारी ने गारमेंट और जूते के शोरूम का सारा सामान ईदी में गरीबों को बांटा