आपने अभी तक ग्रीन टी, ब्लैक टी, मिल्क टी, हर्बल टी और येलो टी का ही नाम सुना होगा। इनमें से कुछ प्रकार की चाय आपने पीकर स्वाद लिया होगा। लेकिन इन दिनों मार्केट में नई तरह की चाय आई है, जिसका काफी क्रेज देखने को मिल रहा है। इस चाय का नाम है बबल टी। भले ही यह चाय अब जाकर चर्चा का विषय बन रही हो, लेकिन इसकी जड़ें बेहद पुरानी हैं। बता दें कि इसकी खोज 1980 के आसपास ताइवान में हुई थी, लेकिन अब धीरे-धीरे दुनियाभर में पॉप्युलर हो रही है। अब आप सोच रहे होंगे कि भला इस चाय को 'बबल टी' क्यों कहा जाता है? इसे ऐसा नाम इसके इन्ग्रीडियेंट्स के कारण दिया गया है। इसे पर्ल मिल्क टी भी कहा जाता है। इस चाय के मामले में 'बबल' का मतलब है गोल-गोल जैली जैसे साबूदाना के दाने, जिन्हें इस चाय में डाला जाता है। साथ ही इसमें थोड़ी सी बर्फ भी डाली जाती है।
इस बबल चाय का टेस्ट आम चाय से काफी अलग होता है और इस बात पर निर्भर करता है कि उसे बनाने में किन फलों और सिरप का इस्तेमाल किया गया है। टेस्ट मीठे से लेकर मिट्टी और नटी तक हो सकता है। कभ-कभी यह थोड़ा कड़वा या खट्टा भी हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, एक कप बबल चाय, जिसमें टैपिओका बॉल्स भी हों, उसमें 299 से 400 के बीच कैलरी हो सकती हैं। बबल टी आपकी सेहत के लिए अच्छी हो सकती है अगर आप उसमें सही इन्ग्रीडियेंट्स का उपयोग करें, अलग से कोई फ्लेवर न डालें और कम चीनी का उपयोग करें। ज्यादा चीनी डालने से कैलरी की मात्रा बढ़ जाएगी और अघिक कैलरी वाला ड्रिंक सेहत के लिए सही नहीं है। 1990 के दौरान यह चाय पूर्वी और दक्षिणपूर्वी एशिया में काफी पॉप्युलर हुई थी। बबल टी का सबसे पॉप्युलर फ्लेवर है ग्रीन टी, जिसमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स होते हैं। ये शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को तो बढ़ाते ही हैं साथ ही थकान और टेंशन को भी दूर रखते हैं। साथ ही यह चाय एनर्जी को भी बूस्ट करती है।
साइंस & टेक्नोलॉजी
इन दिनों मार्केट में बबल टी की हो रही चर्चा - बबल टी पीने से होंगे ढेरों फायदे