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लंबे समय से अपनों से मिलने के लिए बेताब  लोगों का प्रदेश सरकार के प्रयासों से घर पहुंचने का सपना हुआ साकार - ठाणे (महाराष्ट्र) से  580 यात्रियों को लेकर पठानकोट पहुंची विशेष ट्रेन। - घर पहुंचने की खुशी में कोरोना के ख़ौफ को भूले लोग।

लंबे समय से अपनों से मिलने के लिए बेताब  लोगों का प्रदेश सरकार के प्रयासों से घर पहुंचने का सपना हुआ साकार - ठाणे (महाराष्ट्र) से  580 यात्रियों को लेकर पठानकोट पहुंची विशेष ट्रेन। - घर पहुंचने की खुशी में कोरोना के ख़ौफ को भूले लोग।

धर्मशाला । कोरोना महामारी के साए में अपने परिजनों  से सुदूर रह कर बंद कमरों में जिंदगी जीने को मजबूर तथा अपनों से मिलने को बेताब लोगों की खुशी का उस समय कोई ठिकाना नहीं रहा, जब प्रदेश  सरकार के प्रयासों से आज प्रदेश के 11 जिलों के 580 यात्रियों का अपने-अपने घर पहुंचने का सपना पठानकोट पहुंचते ही साकार हुआ। लॉकडाउन के कारण बाहरी राज्यों में फंसे  लोगों को लेकर आज एक और विशेष  ट्रेन  सुबह 5.40 बजे ठाणे ( महाराष्ट्र ) से पठानकोट के चक्की बैंक स्टेशन पर पहुंची। किन्ही कारणों से ट्रेन 5 घण्टे देरी से पठानकोट पहुंची। स्टेशन से बाहर निकलते ही यात्रियों के चेहरों पर न तो सफर की कोई थकान और न ही किसी  बीमारी  का डर दूर-दूर तक नजर आ रहा था।  उनके चेहरों पर अपने गंतव्य की ओर  जाने और अपनों से मिलने  की खुशी की झलक साफ दिख रही थी। 
स्टेशन पहुंचने पर एडीएम डॉ एमआर भारद्वाज, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार , एसडीएम डॉ सुरेन्द्र ठाकुर, डीएसपी डॉ साहिल अरोड़ा, नायब तहसीलदार देस राज ठाकुर सहित अन्य जिलों से यात्रियों को लेने के लिए तैनात नोडल अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। यह ट्रेन शुक्रवार को ठाणे से रवाना हुई थी। पुलिस तथा  प्रशासन द्वारा ट्रेन पहुंचने से पहले यात्रियों को ट्रेन से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए  बाहर लाने के विशेष प्रबंध किए गए थे।
गौरतलब है कि इसी सप्ताह चेन्नई तथा हैदराबाद में फंसे 377 हिमाचलियों को लेकर भी दो विशेष ट्रेनें पठानकोट पहुंची थी।  जहां से  उन्हें एचआरटीसी की विशेष बसों के द्वारा उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में भेजा गया था।
स्टेशन  पहुंचने पर डॉ अनुराधा शर्मा ने यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की। 
इस बारे जानकारी देते हुए एडीएम  डॉ एमआर भारद्वाज  ने बताया कि इन सभी लोगों को एचआरटीसी की 28 विशेष बसों के द्वारा अपने-अपने जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारन्टीन केंद्रों के लिए रवाना किया गया।  सभी यात्रियों को प्रशासन द्वारा फूड के पैकेट, फ्रूट, जूस  व पानी की विशेष व्यवस्था की गई थी।
उन्होंने बताया कि इस ट्रेन से पहुंचे कांगड़ा ज़िला के 245 ,हमीरपुर  के 101, मंडी के 67 ,  ऊना के 47,  बिलासपुर के 34, , चंबा के 26, शिमला के 20,  सोलन के 15 यात्रियों के अतिरिक्त  सिरमौर के 16, जबकि  कुल्लू जिला के 6 तथा किन्नौर के 3 लोगों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया । 
एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि कांगड़ा ज़िला के यात्रियों को प्रशासन द्वारा परौर में बनाए गए संस्थागत क्वारन्टीन केंद्र में भेजा गया है, जबकि अन्य जिलों के यात्रियों को उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में रखा जाएगा, जहां पर प्रशासन द्वारा इनके ठहरने व खान-पान की विशेष व्यवस्था की गई है। इन सभी यात्रियों को संस्थागत क्वारंटीन केंद्रों में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जाएगा तथा इस दौरान कोविड-19 के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे।
मुंबई में डायमंड कंपनी में काम  करने वाले 
हमीरपुर ज़िला के नादौन निवासी जो अपनी पत्नी निशा तथा बेटे ध्रुव व रियांश के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि उनकी माता जी का अप्रैल माह में देहांत हो गया था , परन्तु लॉकडाउन के कारण अनुमति न मिलने की बजह से वे अपने घर नहीं पहुंच पाए थे, परंतु प्रदेश सरकार के प्रयासों से वे दुख की घड़ी में अपने परिजनों से अब जरूर मिल पाएंगे।   
ऊना ज़िला के  निवासी राजेश सिंह पटियाल  जो अपनी पत्नी मंजू व 6 वर्षीय बेटे विहान सिंह व रुहान सिंह के साथ पठानकोट रेलवे स्टेशन पहुंचे। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी नहीं लगता था कि  लॉकडाउन के बीच वे अपने-अपने घरों में  वापस  पहुंच पाएंगे। इसी ट्रेन में हमीरपुर  ज़िला के यात्री  विशाल अपनी पत्नी शिखा तथा 1 वर्ष के बेटे कार्तिक के साथ पहुंचे तो उन्होंने बताया कि हमारे परिवार ने अपने घर पहुंचने की उम्मीद ही छोड़ दी थी, परंतु हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों से उनका घर पहुंचने का सपना पूरा हुआ है।      
हमीरपुर  ज़िला के  नादौन की
पूनम ठाकुर जो अपने पति राजीव तथा बेटी स्वेता के साथ पहुंची तो उन्होंने कहा कि जहां से वे लौटे है, वहां पर कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है। हमें कोरोना  से न तो घबराना चाहिए और न ही ऐसे मरीजों व उनके परिवारों से कोई भेदभाव रखना चाहिए। हमें मिलजुल कर इन मरीजों का हौंसला बढाने के साथ उनकी जरूरी मदद करनी चाहिए।  उन्होंने बताया कि प्रशासन ने उन्हें खाने-पीने के अतिरिक्त फ्रूट की भी बेहतर व्यवस्था की थी जिस कारण उनका सफर काफी आरामदायक रहा।  
ये रहे मौजूद
हमीरपुर ज़िला सैनिक कल्याण विभाग के ओएसडी अनुपम ठाकुर, मंडी के जिला उद्योग महा प्रबंधक ओपी जरयाल, एआरटीओ सतीश कुमार, सचिन कुमार, नोडल अधिकारी अजय कौंडल, रवि कुमार, सन्नी शर्मा, नरेश चौधरी,  संजीव कुमार, दीपक गुप्ता, दौलत राम सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी भी  उपस्थित रहे।
 

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