नई दिल्ली । पीएमसीएच के कोरोना ट्रीटमेंट वार्ड में 44 साल के व्यक्ति ने लुंगी से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। नया सचिवालय के निकट रहनेवाले सुबोध कुमार को शनिवार 23 मई को पीएमसीएच के ट्रीटमेंट वार्ड में भर्ती कराया गया था। उसे सर्दी, खांसी के साथ शरीर में दर्द की शिकायत थी। उसका सैंपल कोरोना जांच के लिए सोमवार को लिया गया था। रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. बीपी चौधरी और आइसोलेशन वार्ड के चिकित्सकों ने बताया कि सुबोध रात के नौ बजे बाथरूम में गया था। वहां अपनी लुंगी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इसकी जानकारी तब हुई, जब एक अन्य मरीज बाथरूम जाने को तैयार हुआ। उस समय बाथरूम अंदर से बंद था। जोर-जोर से धक्का देने के बाद भी अंदर से जब आवाज नहीं आई तो बाहर में तैनात वार्ड ब्वाय को सूचना दी गई। झांककर देखा तो सुबोध फांसी पर लटका था। इसके बाद अस्पताल के अधीक्षक, प्राचार्य और पुलिस अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई। प्राचार्य ने बताया कि भर्ती होने के बाद से ही सुबोध की मानसिक स्थिति ठीक नहीं लगी रही थी। उसका रवैया असहयोगात्मक था।
कोरोना आइसोलेशन में मरीज की आत्महत्या मामले में पीएमसीएच प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। आइसोलशन वार्ड में जाने से पहले मरीजों को जांच के लिए गुजरीवार्ड में बने ट्रीटमेंट सेंटर में रखा जाता है। रिपोर्ट पॉजीटिव आने पर मरीज को कोरोना आइसोलेशन वार्ड अन्यथा संबंधित बीमारी से जुड़े विभाग में भेजा जाता है। जिस मरीज की मौत हुई है, उसकी रिपोर्ट सोमवार को ली गई थी। रिपोर्ट लेने के बाद से ही मरीज तनाव में था। ऐसे में पीएमसीएच के गुजरी वार्ड में एक भी स्टाफ का नहीं होना भी लापरवाही दर्शाता है। जबकि इस ट्रीटमेंट वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए अलग से कर्मियों, नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों की तैनाती भी की गई थी।
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कोरोना संदिग्ध मरीज ने फंदा लगाकर की खुदकुशी