धूम्रपान से बढ़ रही बीमारियों और होने वाले भयावह परिणामों की ओर ध्यान खींचते हुए एक गैरसरकारी संगठन ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर ई-सिगरेट इत्यादि वेपिंग उत्पादों के लिए नियामक फ्रेमवर्क की आवश्यकता को रेखांकित किया है ताकि इनका उपयोग सिगरेट जैसे दहनशील तम्बाकू उत्पादों के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सके। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) ने स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राज्य स्वास्थ्य विभागों को भी इस संबंध में पत्र भेजा है। इस पत्र पर कई जाने माने चिकित्सकों के हस्ताक्षर हैं। इस पत्र में सरकार से यह सुनिश्चित करने की अपील की गई है कि धूम्रपान करने वाले 21 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को इस प्रकार के उत्पाद मुहैया कराना, गर्भवती महिलाओं को इससे दूर रखना और जागरुकता अभियानों के जरिए इसका उपयोग और गुणवत्ता पर नियंत्रण जैसे मामलों को वेपिंग उत्पाद की नीति में शामिल किया जाए। एचसीएफआई के अध्यक्ष के के अग्रवाल ने कहा कि देश में तम्बाकू के बोझ को कम करने के प्रयासों के बावजूद धूम्रपान में कोई कमी नहीं आई है। उन्होंने कहा कि एचसीएफआई और कई दिग्गज चिकित्सकों ने धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करने वाले लोगों का हमेशा समर्थन किया है, भले ही उनका तरीका कुछ भी हो।