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पंजाब-हिमाचल में भ्रष्ट राजनेता-अधिकारी गठजोड़, पीपीई खरीद में घोटाला

पंजाब-हिमाचल में भ्रष्ट राजनेता-अधिकारी गठजोड़, पीपीई खरीद में घोटाला

चंडीगढ़ । देश में चल रहे कोरोनाकाल के चलते आम आदमी लॉकडाउन का पालन कर रहा है वहीं कुछ लालची राजनेता, भ्रष्ट अधिकारी और माफिया गठजोड़ पैसे लूटने में लगा हैं। कोरोना संकट का सामना कर रहे देश में पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट किट की खरीदारी में भी घोटाला हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में पीपीई किट घोटाले की खबर अब चर्चा में है। लॉकडाउन के सभी फेज में धड़ल्ले से पीपीई किट को लेकर घोटाले हुए। इन घोटालों की शुरुआत सचिवालय के बड़े अधिकारियों से हुई जिन्होंने कथित तौर पर हैंड सैनिटाइजर, मास्क और पीपीई किट महंगे दामों में खरीदे। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉक्टर एके गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद घोटालों के बारे में विस्तृत जानकारी सामने आई। दरअसल एक ऑडियो वायरल हो रहा है जिसमें वे 5 लाख रुपये घूस रेणुका के एक सप्लायर से मांग रहे हैं। इस विवाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल का नाम भी आया। उन्होंने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी ललित कुमार के नाम से फर्म के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि सैनिटाइजर की बोतलों पर महंगे प्राइस टैग लगाए गए। गलत दामों पर इसकी सप्लाई की गई। सप्लायर के पास कोई लाइसेंस भी था न ही वह ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत रजिस्टर्ड था। विजिलेंस ब्यूरो ने सभी दस्तावेजों, सैनिटाइजर, हैंड वॉश और अन्य सामग्री को जब्त कर लिया है। जहां हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आरोपों पर जांच के आदेश दिए हैं। हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष ने जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा नैतिक आधार पर सौंप दिया। राज्य में विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने सभी आरोपों को सही ठहराते हुए कहा है कि जहां लोग अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई को मुख्यमंत्री राहत कोष में भेज रहे थे, वहीं राजनेता और अधिकारी उसी धन को लूटने में व्यस्त थे। 
 

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