खाली समय में स्मार्ट फोन के अधिक उपयोग से कई नकारात्मकाएं सामने आ सकती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, स्मार्ट फोन के उपयोग से नकारात्मक भावनाओं में वृद्धि के साथ ही जीवन में उद्देश्य की भावना भी प्रभावित हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया के डीकिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि आदतन और मनोरंजन के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करने वाले लोग जीवन में संतुष्टि में कमी के संबंध में सबसे अच्छे ‘‘भविष्यवक्ता’’ हैं। अध्ययन में 500 से अधिक छात्रों को शामिल किया गया और पाया गया कि स्मार्टफोन के अति उपयोग से नकारात्मक भावनाएं, नियंत्रण की कमी के साथ साथ जीवन में उद्देश्य की भावना और सामाजिक दबाव को झेलने की क्षमता भी प्रभावित होती है। विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ साइकोलॉजी की प्रमुख शोधकर्ता शैरोन हॉरवुड ने कहा कि हमारे जीवन में अब समाचार और मनोरंजन की निरंतर धारा बह रही है, और यदि वह सामग्री सकारात्मक नहीं है तो इससे ‘‘तकनीकी भार या तकनीकी-थकावट’’ में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि उनके अध्ययन से पता चला है कि स्मार्टफोन का उपयोग पूरी तरह खराब ही नहीं है। उन्होंने कहा कि कॉल करने और मैसेज भेजने के लिहाज से इसका सकारात्मक असर होता है। यह संभवत: पहला अध्ययन है जिसमें इस बात का गहन मूल्यांकन किया गया है कि स्मार्टफोन का उपयोग किस प्रकार जीवन में संतुष्टि के वस्तुपरक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं से जुड़ा है।
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स्मार्ट फोन के ज्यादा प्रयोग से आती है नकारात्मक भावनाएं -अध्ययनकर्ताओं ने किया है दावा