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 शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार 2 जून को! राजभवन के बजाय मिंटो हाल में होगा शपथ ग्रहण -आज दिल्ली जाएंगे मुख्यमंत्री, सिंधिया के साथ लौटेंगे मप्र

 शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार 2 जून को! राजभवन के बजाय मिंटो हाल में होगा शपथ ग्रहण -आज दिल्ली जाएंगे मुख्यमंत्री, सिंधिया के साथ लौटेंगे मप्र

भोपाल । मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए कि दो जून को वे विस्तार कर सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि कुछ नामों पर सहमति नहीं बन पाई है इस लिए मुख्यमंत्री सोमवार को दिल्ली जाएंगे और वहां आलाकमान से मुलाकात करेंगे। अगर सूची फाइनल हो जाती है तो वे ज्योतिरादित्य सिंधिया को साथ लेकर भोपाल लौटेंगे और मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। सूत्रों के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के बजाय मिंटो हाल में किया जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट और राज्यमंत्री मिलाकर कुल मंत्रियों की संख्या 20 से 22 हो सकती है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया गुट के 7 से 8 मंत्री होंगे। सिंधिया ही निर्णय करेंगे कि कौन-कौन मंत्री बनेगा।
-सिंधिया समर्थक ये बनेंगे मंत्री
सिंधिया खेमे से इमरती देवी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया के नाम शामिल हैं। इनके अलावा बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, एदल सिंह कंषाना और रणवीर जाटव भी शिवराज कैबिनेट के संभावित चेहरे हो सकते हैं।
-सिंधिया समर्थकों ने दिल्ली में डाला डेरा
मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं के बीच सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक और मंत्रियों ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है। डबरा सीट से विधायक और कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं इमरती देवी ने दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री और ग्वालियर चंबल के दिग्गज भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ ग्वालियर ग्रामीण के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष मोहन सिंह भी मौजूद रहे। तीनों नेताओं के बीच खासतौर से उपचुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा हुई। इमरती देवी ने नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात के साथ ही दिल्ली में ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो इमरती देवी के अलावा सिंधिया समर्थक कई और पूर्व मंत्री और विधायक दिल्ली में डेरा जमा चुके हैं। यह मुलाकात इस लिहाज से भी मायने रखती है, क्योंकि जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से ग्वालियर-चंबल की 16 सीटें शामिल हैं। ऐसे में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों का भाजपा नेताओं को साधना भी एक बड़ी चुनौती है।
 

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