नई दिल्ली । कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही दिल्ली की सरकार के सामने अपने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट उत्पन्न हो गया है। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से 5000 करोड़ रुपये की सहायता तत्काल देने की मांग की है, ताकि कर्मचारियों को वेतन दिया जा सके। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कही कि केंद्र सरकार से निवेदन है आपदा की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों की मदद करे।इसकी जानकारी देते हुए हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अपने कर्मचारियों को केवल वेतन देने और ऑफिस के खर्च वहन करने के लिए 3500 करोड़ रुपये हर महीने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के रेवेन्यू पर काफी असर पड़ा है। पिछले दो महीने में 500-500 करोड़ रुपये जीएसटी से आए हैं। अन्य स्रोतों से हुई आमदनी को भी जोड़ दें, तो कुल 1735 करोड़ रुपये का राजस्व आया है।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार का टैक्स कलेक्शन करीब 85 फीसदी नीचे चल रहा है। ऐसे में यह संकट है कि हम अपने कर्मचारियों को वेतन कैसे दें। उन्होंने कहा कि इसके लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये की जरूरत है। वित्त मंत्री को पत्र लिखकर यह सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की है, जिससे दिल्ली सरकार अपने डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को वेतन दे सके।सिसोदिया ने कहा कि कहीं से भी रेवेन्यू आ नहीं रहा और केंद्र ने आपदा राहत कोष से जो पैकेज राज्यों को दिया, उसमें से भी दिल्ली सरकार को कुछ नहीं मिला। गौरतलब है कि कोरोना के कारण देश में लॉकडाउन लागू है। इस दौरान जरूरी वस्तु की दुकानों और आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी उद्योग-धंधे बंद रहे। इसके कारण राज्यों की आमदनी काफी प्रभावित हुई है।
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दिल्ली सरकार ने केंद्र से मांगे 5 हजार करोड़ रुपये