नई दिल्ली । कोरोना महामारी के बीच कई अस्पताल प्रशासन का बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिल रहा है। दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जब एक निजी अस्पताल ने मरीज के परिजनों से कहा कि आप वेंटिलेटर का इंतजाम खुद ही करा लीजिए। अस्पताल इसका इंतजाम नहीं करा सकता।
हालांकि बाद में अस्पताल प्रशासन के इस लापरवाह रवैये का वीडियो वायरल हुआ तो उन्होंने खुद ही इसका इंतजाम किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। वेंटिलेटर लगाने के बावजूद मरीज की जान चली गई।
25 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस संबंध में निजी अस्पताल को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से पूछा कि उनका लाइसेंस क्यों ना रद्द किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि अस्पताल का यह व्यवहार गलत था। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
धर्मेंद्र भारद्वाज ने 19 मई को अपनी मां को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होने के बाद पूर्वी दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल में एडमिट कराया। जिसके बाद 21 मई को टेस्ट में मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। 22 मई की सुबह अस्पताल प्रशासन ने धर्मेंद्र भारद्वाज से कहा कि आपकी मां को वेंटिलेटर की जरूरत है। हमको वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है, आप खुद कहीं से इंतजाम कर लीजिए।
इसके बाद धर्मेंद्र भारद्वाज ने 22 मई दोपहर 2:15 बजे एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने अपनी बेबसी बताते हुए कहा कि मैंने कई अस्पतालों में जाकर देख लिया हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन लगा लिया, लेकिन मुझे वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है।
बाद में जब वीडियो वायरल हुआ तो 23 मई की शाम को अस्पताल ने धर्मेंद्र भारद्वाज को बुलाकर कहा कि वो चिंता ना करें, उनकी मां का इलाज यहीं होगा। जिसके बाद अस्पताल में धर्मेंद्र भारद्वाज की मां को वेंटिलेटर लगाया गया। इसके बावजूद मरीज को बचाया नहीं जा सका। 31 मई की शाम को धर्मेंद्र भारद्वाज की मां का अस्पताल में निधन हो गया। अब धर्मेंद्र भारद्वाज भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं इस वजह से वो होम आइसोलेशन में चले गए हैं।
रीजनल नार्थ
निजी अस्पताल ने कहा खुद करें वेंटिलेटर का इंतजाम