मुंबई, । मध्य रेल के निर्माण विभाग ने मध्य रेल के अधिकार क्षेत्र में आने वाली बुनियादी ढांचागत विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिए कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए देशव्यापी लाक डाउन के दौरान सच्चा चैंपियन बनके उभरा है। मध्य रेल के जनसंपर्क विभाग के अनुसार मध्य रेल निर्माण विभाग मुख्य रूप से मध्य रेल के 5 मंडलों सहित अपने अधिकार क्षेत्र में होने वाले निर्माण के प्रमुख कार्यों से संबंधित है। कार्यों में इंजीनियरिंग स्केल प्लान्स, सिग्नल इंटरलॉकिंग प्लान्स, इलेक्ट्रिकल वर्क्स, पुलों के जनरल अरेंजमेंट ड्रॉइंग (जीएडी) शामिल हैं। नई लाइनों को खोलने के लिए रेल संरक्षा आयुक्त के साथ संचार प्रक्रिया के लिए भी जिम्मेदारी निभाते हैं। कंक्रीट स्लीपर संयंत्रों और फिटिंग आपूर्तिकर्ताओं आदि से चल रही परियोजनाओं के लिए स्लीपर और अन्य ट्रैक सामग्री की आपूर्ति और अन्य विविध परियोजना से संबंधित कार्य निर्माण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की समर्पित टीम ने व्यवस्थित रूप से उन कार्यों को निष्पादित किया।
इस लाक डाउन की अवधि के दौरान किए जा रहे निर्माण कार्यों में भटसा और कालू, कोपारी में रोड ओवर ब्रिज, द्रोणागिरी और नशावेवा में स्टेशन का काम, उरन स्टेशन पर मेट्रो का काम, तेईगाँव- चिचोंडा, बादली के बीच विद्युतीकरण कार्य, प्रमुख निर्माण कार्य शामिल हैं। जलगाँव 3सरी लाइन, बेलापुर-सीवुड-उरण डबल लाइन, येओला-अंकाई, सिग्नल और दूरसंचार सोनगाँव, वाघोली और चिचोंडा स्टेशनों आदि पर काम किया है। अहमदनगर-बीड-परली वैजनाथ नई लाइन खंड अहमदनगर से 40 किलोमीटर दूर महकरी पुल के गर्डर को लॉन्च करने का एक विशाल कार्य लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था। इस लॉन्चिंग प्रक्रिया को पूरा होने में एक महीने की अवधि के करीब लगा। यह खंड काम करने के लिए एक कठिन इलाका है, जो अहमदनगर और बीड जिले के बीच संपर्क प्रदान करता है। यह पुल महकरी नदी के ऊपर से गुजरता है और इसलिए इसे महकरी पुल कहा जाता है, जो मध्य रेल के सबसे बड़े पुलों में से एक है। यह 15 स्पैन वाला ब्रिज है, जिसमें प्रत्येक स्पैन की लंबाई 30.5 मीटर है। इस पुल का मुख्य आकर्षण इसकी ऊंचाई है, जिसे लॉन्च करने के लिए 30 मीटर की जरूरत थी। लॉन्चिंग के दौरान, कोविड-19 से संबंधित सभी सुरक्षा सावधानियों और प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया था।
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कोविड-19 संकट के दौरान कड़ी मेहनत कर रियल चैंपियंस- मध्य रेल का निर्माण विभाग