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विचारधारा और पंच निष्ठाएं 

विचारधारा और पंच निष्ठाएं 

प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के कार्यकर्ता हैं। भाजपा के लिए विचारधारा ‘गीता’ है और ‘घोषणापत्र’ उसकी ऋचाएं। पार्टी की विचारधारा के मूल में पंच निष्ठाएं हैं-राष्ट्रीय एकात्मता, लोकतंत्र, शोषणमुक्त और समतायुक्त समाज की स्थापना, सकारात्मक पंथ-निरपेक्षता एवं सर्वपंथसमभाव तथा मूल्य आधारित राजनीति। राष्ट्रीयता सांस्कृतिक है, केवल भौगोलिक नहीं। स्वतंत्रता के बाद तुष्टिकरण और मनमानी की नीति ने राष्ट्र के समक्ष अनेक समस्याओं को ला खड़ा किया। इसमें एक प्रमुख समस्या जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए संविधान में धारा 370 और 35ए का प्रावधान था।
धारा 370 के कारण धरती पर स्वर्ग कहा जानेवाला कश्मीर भारतीय राष्ट्रीयता को चुनौती देने वाला और आतंकवाद का केंद्र बनता चला गया। भारतीय जनसंघ के पहले अध्यक्ष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सहित जम्मू-कश्मीर में 41849 लोगों ने शहादत दी। लेकिन जो काम पिछले 70 वर्षों में नहीं हुआ, अपने दूसरे कार्यकाल के 70 दिनों के भीतर नरेंद्र मोदी सरकार ने कर दिखाया। संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत के साथ अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाकर सरकार ने साबित किया कि उसके लिए राष्ट्रीयता और राष्ट्रीय एकात्मता सर्वोपरि है।
विविधता राष्ट्र की शोभा है और इन सबके बीच एक व्यापक एकात्मता है। यही विविधता और एकात्मता भारत को विश्व में विशिष्ट बनाता है। मई 2014 से लेकर मई 2019 के पहले कार्यकाल और मई 2019 से मई 2020 तक के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष में, राष्ट्रीय एकात्मता को मजबूत करने की दिशा में ऐसे-ऐसे कदम उठाये गए हैं कि पिछली सरकारों ने इसके बारे में सोचा तक नहीं होगा। 'एक राष्ट्र - एक कर', 'एक राष्ट्र - एक मोबिलिटी कार्ड', 'एक राष्ट्र - एक फ़ास्ट टैग', 'एक देश - एक संविधान' और 'एक राष्ट्र - एक राशन कार्ड'। क्षेत्रीयता की संकीर्णता से देश को बाहर लाने और पूरे राष्ट्र को एकसूत्र में बांधने का काम किया है नरेंद्र मोदी सरकार ने।
मोदी सरकार ने 8 करोड़ गरीबों को मुफ्त गैस कनेक्शन, 2 करोड़ गरीबों को घर, लगभग 38 करोड़ गरीबों के बैंक खाते, 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा, 24 करोड़ लोगों को बीमा सुरक्षा कवच, 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर शोषणमुक्त और समतायुक्त समाज की स्थापना की है। वेतन संहिता लाकर महिला कामगारों के साथ हो रहे भेदभाव को समाप्त किया गया है, वहीं 'प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना 2019' को मंजूरी दी गई ताकि छोटे व्यापारियों को 60 साल की आयु हो जाने के बाद 3000 रुपये न्यूनतम पेंशन दी जा सके। सभी किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लाया गया।
मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के दस सप्ताह के अंदर 8 करोड़ से अधिक मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया। साथ ही, एक ओर जहां बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए पोक्सो अधिनियम में संशोधन किया गया, वहीं सामाजिक न्याय की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उभयलिंगी व्यक्तियों के अधिकारों का अनुमोदन किया गया।
सरकार सकारात्मक पंथनिरपेक्षता एवं सर्वपंथसमभाव के प्रति भी ईमानदारी के साथ कार्य कर रही है। सरकार ने रिकॉर्ड समय में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण करके, गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर इसे राष्ट्र को समर्पित किया। गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाश पर्व को देश और दुनिया में पूरे मान-सम्मान के साथ मनाने का अवसर मिलना, देश के लिए सौभाग्य की बात है। यह सुखद रहा कि 9 नवंबर, 2019 को करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लोकार्पण के दिव्य वातावरण में देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट द्वारा रामजन्म भूमि विषय पर ऐतिहासिक फैसला दिया गया। सर्वोच्च अदालत के फैसले से सदियों की हिंदू-मुस्लिम कटुता का अंत हुआ और रामंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
वर्ष 1989 में पालमपुर के अपने अधिवेशन में भाजपा ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था और इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध भी रही। सर्वोच्च अदालत के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन कर दिया गया, जो अब भव्य श्रीराम मंदिर बना रहा है। 31 साल बाद ही सही, भाजपा का वादा पूरा हो रहा है।
मूल्य आधारित राजनीति के तहत 50 साल से चली आ रही बोडो समस्या को समाप्त करने के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और असम सरकार ने हाल ही में बोडो संगठनों के साथ ऐतिहासिक समझौता किया है। इस समझौते से, ऐसी जटिल समस्या, जिसमें 4 हजार से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई, उसका समाधान निकला है। त्रिपुरा, मिजोरम, केंद्र सरकार और ब्रू जनजाति के बीच हुए ऐसे ही एक और ऐतिहासिक समझौते से, न सिर्फ दशकों पुरानी समस्या हल हुई है बल्कि इससे ब्रू जनजाति के हजारों लोगों के लिए सुरक्षित जीवन भी सुनिश्चित हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष के भीतर नागरिकता संशोधन कानून बनाकर, मुस्लिम देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देकर शोषण से मुक्ति दिलाई और मानवता की रक्षा की।
गृहमंत्री अमित शाह की जीवटता
प्रधानमंत्री मोदी को गृह मंत्री के रूप में एक सुलझा हुआ व्यक्तित्व मिला है। गृह मंत्री ने 100 दिन के अंदर योजनाबद्ध तरीके से विपक्षियों को, अपने घटक दलों को विश्वास में रखकर धारा 370 को समाप्त करके परिपक्वता साबित कर दिखाई। उन्होंने लोकसभा में बहस के दौरान कहा था कि 'राष्ट्र के लिए, कश्मीर के लिए जान तक दे दूंगा’। देश ने 'एक विधान, एक प्रधान, एक निशान' साकार होते हुए देखा है। देश ने एक स्वर में अमित शाह के नेतृत्व की प्रशंसा की है।
शाह की निष्ठा और मेहनत पिछले दिनों वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी देखने को मिली है। देश के 28 राज्यों और 9 केंद्र शासित प्रदेशों का नार्थ ब्लॉक में बैठकर स्वयं निगरानी करना और निर्देश देना। जहां आवश्यकता हो, प्रधानमंत्री से विचार कर जनहित में निर्णय लेना। वे तो कहते हैं 'जो भी है वह राष्ट्र के लिए, मैं तो गिलहरी की भूमिका में हूं'। इधर कुछ अराष्ट्रवादी ताकतें जो भारत को अस्थिर करना चाहती हैं, उन्होंने अमित शाह के विरुद्ध गलत साजिश रचते हुए उनके बीमार होने की खबर फैला दी। बाद में उनका पर्दाफ़ाश भी हुआ।
कोरोना और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान'
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत कोरोना संकट की घड़ी को अवसर में बदलने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के साथ आगे बढ़ रहा है। ‘आत्मनिर्भरता' भाजपा की विचारधारा की मूल अवधारणा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने कहा था कि भारत की आर्थिक सफलता संस्कृतिप्रणीत अर्थनीति में है जिसका मूलाधार आत्मनिर्भरता है। 12 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'एक राष्ट्र के रूप में आज हम एक बहुत ही अहम मोड़ पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा, भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश लेकर आई है, एक अवसर लेकर आई है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम् है।' उन्होंने भारतवासियों से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया है। इसके लिए 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की घोषणा भी की है।
'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के संकल्पों के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज घोषणा भी की गई है, जो देश की जीडीपी का लगभग 10 प्रतिशत है। इसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग, संकटग्रस्त बिजली वितरण कंपनियों, छोटे किसानों, शहरी गरीबों, ग्रामीण आधारभूत ढांचे, प्रवासी मजदूरों, मुद्रा शिशु लोन लेने वालों तथा रेहड़ी-पटरी वालों के लिए अनेक राहतों की घोषणा की गई।
कोरोना संकट के बाद विश्व की कई बड़ी कंपनियां चीन से निकलकर भारत में निवेश करना चाह रही है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए स्वर्णिम और ऐतिहासिक अवसर साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन वाली अर्थव्यवस्था बनाने का जो सपना देखा है, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' के संकल्पों से निश्चय ही पूरा होगा।
वर्ष की सबसे बड़ी उपलब्धि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश की 130 करोड़ जनता को एकजुट कर विश्व के साथ खड़ा होना और विश्व को 'वसुधैव कुटुंबकम्' का संदेश देना है। महामारी से लड़ने में, संकट के दौरान अपने निकट के मनुष्य को नियंत्रित करने में, जो नेतृत्व नरेंद्र मोदी ने दिखाया है, इससे पहले महात्मा गांधी में देखा गया था। विश्व हतप्रभ है। लेकिन यह कार्य वही कर सकता है जिसमें ईश्वरीय शक्ति हो। प्रधानमंत्री मोदी में वह ईश्वरीय शक्ति है। इस दौरान गुट निरपेक्ष देशों के वर्चुअल सम्मेलन को सम्बोधित कर और जी-20 देशों के वर्चुअल सम्मेलन का नेतृत्व कर प्रधानमंत्री मोदी विश्व नेता के रूप में उभरे हैं। चुनौती को अवसर में बदलने के उनके अदम्य साहस और अद्भुत शक्ति को विश्व ने सराहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगी एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के हाथों में कार्यकारी बोर्ड की अध्यक्षता सौंपा है। भविष्य भारतीय नेतृत्व के हाथों में है, आज यह पूरे विश्व का संदेश है।
(लेखक-प्रभात झा )

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