नई दिल्ली । सरकारी बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपए से अधिक का लोन लेकर देश से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को किसी भी वक्त भारत लाए जाने की खबर का माल्या ने खंडन किया है।लंदन में प्रत्यर्पण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। विजय माल्या ब्रिटेन में अपने सभी कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल पहले ही कर चुका है। माल्या के निजी सहायक ने अपने प्रत्यर्पण से संबंधित किसी भी घटनाक्रम से अनजान हैं। देर रात कहा उनके वापस जाने की कोई जानकारी नहीं है। बुटीक लॉ से माल्या के वकील, आनंद डोबे ने कॉल से नहीं लिया। यह पूछे जाने पर कि क्या मीडिया में आई खबरों को सही बताया गया था, माल्या ने व्हाट्सएप संदेश में से कहा केवल वो लोग ही जानते हैं कि वो क्या कहते हैं! लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई से पुष्टि की कि माल्या किसी भी समय जल्द वापस नहीं आ रहे। उन्होंने कहा, अब तक कोई प्रत्यर्पण नहीं हुआ है। मीडिया ने सीबीआई के एक पुराने बयान को उठाया है। स्थिति नहीं बदली है। देरी हो रही है। टीओआई को यह बताया गया कि देरी इसलिए हुई क्योंकि गृह सचिव प्रीति पटेल ने कानूनी कारणों से माल्या के प्रत्यर्पण पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इससे पहले एजेंसियों ने यूके कोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया था कि माल्या को जल्द भारत लाकर आर्थर रोड जेल के हाई सिक्यॉरिटी बैरक में रखा जाएगा। आर्थर रोड जेल में अंडरवर्ल्ड और के कई बड़े अपराधियों और आतंकवादियों को रखा गया है। 26/11 के मुंबई हमले में पकड़े एक एकमात्र जिंदा आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को भी इसी सिक्यॉरिटी सेल में रखा गया था। अबु सलेम, छोटा राजन, मुस्तफा दोसा, पीटर मुखर्जी और 13,500 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले के आरोपी विपुल अंबानी भी इस जेल की हवा खा चुके हैं। माल्या 9 हजार करोड़ रुपए के लोन घोटाले में आरोपी है। एसबीआई सहित 17 बैंकों से यह लोन लिया गया था। भारतीय एजेंसियों का शिकंजा कसने के बाद माल्या ने कई बार बैंकों का पैसा लौटाने की भी पेशकश की है। 14 मई को ब्रिटेन में सुप्रीम कोर्ट ने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
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भारत लाए जाने की खबर को विजय माल्या ने नकारा