नई दिल्ली । दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों की आयोजित होने वाली ओपन बुक परीक्षा के कारण कॉलेजों ने जो किताबें छात्रों को दी थी वह भी फंस गई हैं। डीयू के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. प्रवीण गर्ग ने छात्रों को किताबें जमा करने संबंधी नोटिस निकाला है जिसमें किताब जमा करने की तिथि 5 जून थी। हालांकि, बाद में इसका विरोध होने के बाद उन्होंने यह तिथि बढ़ाकर 25 जून कर दी। कॉलेज प्रिंसिपल के इस निर्णय का विरोध भी हो रहा है।
कॉलेज प्रिंसिपल का कहना है कि हमारे यहां से लगभग 25 लाख रुपये मूल्य की किताबें छात्रों ने ली है। यही नहीं इसके अलावा लैपटॉप व लैब के उपकरण भी हैं। पहले प्रवेश पत्र देने से पहले ही छात्रों से नो ड्यूज ले लिया जाता था कि उनके पास कॉलेज का कुछ बकाया नहीं है। लेकिन अब तो बड़ी संख्या में छात्र बाहर हैं। प्रवेश पत्र भी छात्रों को ऑनलाइन ही मिलेगा और ओपन बुक परीक्षा भी होगी। यही नहीं परीक्षा परिणाम भी ऑनलाइन ही आएंगे। ऐसे में स्नातक तृतीय वर्ष अब छात्र कॉलेज तभी आएगा जब उसे डिग्री या चरित्र प्रमाणपत्र लेना होगा। कई छात्र इसे लेने काफी दिन बात आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर समय से किताबें नहीं जमा होंगी तो अगले सत्र में हम अन्य छात्रों को किताबें कैसे देंगे। देर से किताबें जमा करने वालों की लेट फीस भी हमने माफ कर दी है। इस बारे में हम और क्या कर सकते हैं इसके लिए हमने डीयू से भी राय मांगी है।
रीजनल नार्थ
ओपन बुक परीक्षा से फंस गईं कॉलेजों की किताबें