नई दिल्ली। देश भर में फैले कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों और दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना रोगियों के लिए बेड की उपलब्धता के बारे में लंबे दावे करना लगातार सवालों के घेरे में आ रहा है। वहीं बेड की कमी और अस्पताल में एडमिशन ना मिलने के चलते लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस दिक्कत के चलते कई लोगों की मौत होने की खबर भी सामने आ रही है। हाल ही में एक मामला जीटीबी अस्पताल से आया है, जहां शाहदरा के रवि अग्रवाल अस्पताल के बाहर तड़प रहे थे। देर रात उन्हें सांस की तकलीफ के बाद अस्पताल लाया गया, लेकिन जीटीबी अस्पताल ने उन्हें बाहर ही तड़पते हुए छोड़ दिया। परिजनों ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों का कहना था कि टेस्ट रिपोर्ट दिखाइये, तभी एडमिट करेंगे। परिजन एडमिट कराने को लेकर जगह जगह फोन घुमाते रहे, जिसके काफी देर बाद अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन भर्ती होने के कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। उन्हें कोरोना का संदिग्ध मरीज कहा जा रहा था।
परिजन उन्हें राजीव गांधी भी लेकर गए थे। लेकिन कोई अस्पताल भर्ती करना तो दूर बात करने को भी तैयार नही था। इसके बाद उन्हें जीटीबी अस्पताल लाया गया था, जहां इलाज के लिए भटकते हुए आखिरकार उनकी मौत हो गई। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के 1,359 नए मामले सामने आए हैं, जिसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में संक्रमितों का आंकड़ा 25 हजार के पार चला गया। दिल्ली में अब तक एक ही दिन में सबसे अधिक 1,513 संक्रमण के मामले तीन जून को सामने आए थे। एक बुलेटिन के मुताबिक, कोविड-19 के मृतकों की संख्या 650 तक पहुंच गई, जबकि संक्रमितों की कुल संख्या 25,004 हो गई।
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इलाज के लिए तड़प तड़प कर हुई मरीज की मौत -कोरोना संदिग्ध के कारण अस्पताल ने भर्ती करने से किया था इंकार