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भाजपा के सामने विशाखापट्टनम सीट बचाए रखने की बड़ी चुनौती - ‎बिना गठबंधन के सभी दलों के प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान में

भाजपा के सामने विशाखापट्टनम सीट बचाए रखने की बड़ी चुनौती - ‎बिना गठबंधन के सभी दलों के प्रत्याशी हैं चुनावी मैदान में

लोकसभा चुनाव में जहां कुछ पा‎र्टियां अपनी सीट बचाए रखने के ‎लिए चुनावी मैदान में जद्दोजहद करेंगी तो कुछ अपनि पुरानी जगह तलाशने की को‎शिश में हैं। ऐसा ‎ही कुछ नजारा आंध्रप्रदेश की विशाखापट्टनम सीट पर देखने को ‎मिल रहा है। यहां के पहले चरण में मतदान 11 अप्रैल को होने जा रहा है। हांला‎कि वर्तमान में विशाखापट्टनम पर भाजपा का‎बिज है। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद कमभमपति हरि बाबू का टिकट काटकर डी पुरंदेश्वरी को मैदान में उतारा है। हरिबाबू ने पहले ही यह चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। अब भाजपा के सामने इस सीट को बचाए रखने की चुनौती है। कांग्रेस ने रमाना कुमारी पेडाडा को जबकि टीडीपी ने एमवी श्रीभारत को टिकट दिया है। वाईएसआर कांग्रेस की ओर से एमवीवी सत्यनारायण चुनावी मैदान में हैं। 
पुरंदेश्वरी टीडीपी के संस्थापक एनटी रामाराव की बेटी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थीं। हालांकि भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। चूंकि पिछले चुनाव में टीडीपी और भाजपा के बीच गठबंधन था, इसलिए टीडीपी के विरोध के कारण पुरंदेश्वरी को टिकट नहीं मिल पाया था। अब इस बार पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है। पुरंदेश्वरी ने 2009 आम चुनाव में प्रजा राज्यम पार्टी के पल्ला श्रीनिवास राव को हराया था। डी पुरंदेश्वरी और एन चंद्रबाबू नायडू के बीच लंबे समय से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। इस बार के चुनाव में आंध्रप्रदेश में सभी पार्टियां बिना किसी गठबंधन के भाग्य आजमाने मैदान में उतर रही हैं। विशाखापट्टनम संसदीय सीट राज्य की सबसे बड़ी सीट है। विशाखापट्टनम औद्योगिक जिला है और राज्य का प्रशासनिक केंद्र है। यह विजाग स्टील प्लांट के लिए भी जाना जाता है। इस जिले में कई शैक्षणिक संस्थान हैं। यह उच्च शिक्षा का हब है। कभी कांग्रेस के गढ़ रहे इस क्षेत्र में टीडीपी ने भी कई बार जीत हासिल की है। विशाखापट्टनम संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती हैं। जगन मोहन की वाईएसआर कांग्रेस ने बीजेपी-टीडीपी गठबंधन के उम्मीदवार रहे हरिबाबू को कड़ी टक्कर दी थी। हरिबाबू को 5,66,832 मत मिले थे। जबकि वाईएसआर कांग्रेस प्रत्याशी को वायएस विजयम्मा को 4,76,344 वोट मिले थे। कांग्रेस प्रत्याशी को महज 50 हजार वोट ही हाथ लगे थे। देखना होगा कि इस बार क्या भाजपा अपनी सीट बचा पाती है या नहीं। इस बार सभी पार्टियां अलग- अलग चुनाव लड़ रही हैं।

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