नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना संकट के बीच एक बार फिर से धार्मिक स्थल, मॉल और रेस्टोरेंट खोले जाने की तैयारी है। दिल्ली सरकार ने बैंकेट हॉल और होटलों को खोले जाने की इजाजत नहीं दी है क्योंकि बढ़ते कोरोना संकट के मद्देनजर इन्हें अस्पतालों से अटैच किया जा सकता है। कोविड-19 के रोगियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर दिल्ली सरकार, प्राइवेट अस्पतालों के साथ प्राइवेट होटलों को अटैच करने के आदेश पहले भी जारी कर चुकी है। जिन होटलों से प्राइवेट अस्पतालों को अटैच किया जाता है, उसका खर्च खुद पेशेंट को ही उठाना पड़ता है।
लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के चलते सरकार ने यह फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक सभी गाइडलाइंस का पालन किया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि होटल और बैंकेट हॉल नहीं खोले जाएंगे क्योंकि हो सकता है कि हॉस्पिटल के साथ इन्हें अटैच करना पड़े। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री का दावा है कि दिल्ली के अस्पतालों में 60 से 70 फीसदी मामले बाहर थे। कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर दिल्ली के अस्पताल बाहर वालों के लिए खोल दिए जाए तो दिल्ली वालों का क्या होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दिल्ली के बाहर के मरीजों के लिए अस्पताल खोले गए तो 3 दिन के भीतर बेड भर जाएंगे।कोरोना की स्थिति के लिए बनाई गई समिति के मुताबिक जून के अंत तक दिल्ली को 15,000 बेड की जरूरत होगी। उनका कहना है कि फिलहाल दिल्ली के अस्पताल दिल्ली वासियों के लिए होने चाहिए, अगर बाहर के लोगों के लिए अस्पताल खुले तो 3 दिन में सब बेड भर जाएंगे। ऐसे में सरकार को मजबूरन बैंकेट हॉल और होटल बंद रखने का फैसला किया है।
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दिल्ली में खुलेंगे धार्मिक स्थल-मॉल नहीं खोले जाएंगे बैंकेट हॉल-होटल