नई दिल्ली । दिल्ली में बेकाबू होते कोरोना के मामलों के देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बुधवार को मुख्य सचिव से राजधानी के सभी बड़े अस्पतालों, क्लीनिक और नर्सिंग होम को अपनी बिल्डिंग्स के बाहर एंट्री प्वॉइंट पर एलईडी बोर्ड के माध्यम से और गैर- बेड की उपलब्धता, बेड और रूम चार्ज का और भर्ती करने के लिए संबंधित व्यक्ति का विवरण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार, सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आने वाले समय में कोरोना दिल्ली में बहुत तेजी से फैलने वाला है। केजरीवाल ने कहा कि मंगलवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एसडीएमए की बैठक थी। वहां जो आंकड़े पेश किए गए हैं उसके मुताबिक, दिल्ली में 15 जून तक 44 हजार केस हो जाएंगे, जो अभी 31 हजार हैं। 30 जून तक एक लाख, 15 जुलाई तक 2.25 लाख केस और 31 जुलाई तक 5.32 लाख कोरोना केस हो जाएंगे। इसे देखते हुए 15 जून तक 6681, 30 जून 15000 बेड, 15 जुलाई तक 33 हजार और 31 जुलाई तक 80 हजार बेड की जरूरत होगी। यह चुनौती बहुत बड़ी है, इसलिए अब कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जनआंदोलन बनाना होगा। इसके लिए हमें तीन बातों का ध्यान रखना है, पहला मास्क लगाकर घर से निकलना है, दूसरा बार-बार हाथ धोने हैं और तीसरा सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखना है। यह सब अभी तक हमें खुद करना था, मगर अब दूसरों से भी करने के लिए कहना है, क्योंकि अगर कोई और नहीं कर रहा है तो उसकी वजह से भी कोरोना फैल सकता है। इसलिए खुद करना होगा दूसरों से भी इसका पालन कराना होगा। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जन आंदोलन बनाना है। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस अब विस्फोटक रूप लेता जा रहा है। दिल्ली में कोविड-19 के 1,366 नए मामले सामने आने के बाद यहां कुल संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 31,309 हो गई है और 905 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुकी है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार 1,366 नए मामले सामने आए। अब भी 18,543 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 11,861 मरीज या तो स्वस्थ हो गए या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई या वे कहीं और चले गए हैं। मंगलवार को कोई स्वास्थ्य बुलेटिन जारी नहीं किया गया था।
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अस्पतालों को कोविड नॉन-कोविड बेड ब्योरा गेट पर लगाना पड़ेगा